अंबिकापुर उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राईचुआ निवासी डेढ़ माह से लापता शिवप्रसाद पंडो का कंकाल सोमवार को अटेम नदी के नजदीक गुफा(खोह) में मिला।गांव के ही चार लोगों चंदौरिहा पंडो, बीरबल पण्डो, कैलाश पण्डो, बिझरिहा पण्डो ने जमीन विवाद को लेकर सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या कर शव को गुफा में डाल दिया था।गांव के कुछ लोगों ने मारपीट देख लिया था लेकिन वे डर से कुछ बता नहीं रहे थे।आखिरकार बात गांव में खुली और सूचना पुलिस तक पहुंची।चारों आरोपितों को पकड़ पुलिस ने उनके बताए जगह से कंकाल बरामद कर लिया।
जानकारी के मुताबिक शिवप्रसाद पंडो करीब डेढ़ माह से रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। उसकी पत्नी कौशल्या पंडो ने अपने स्तर से खोजबीन भी की थी लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल रहा था।पति के लापता होने की सूचना उसने थाने में दी थी।पुलिस ने गुमशुदगी का प्रकरण पंजीबद्ध किया था।इसी बीच शिवप्रसाद पंडो की पत्नी कौशल्या पण्डो उदयपुर थाना आकर सूचना दी कि गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पति शिवप्रसाद पंडो को गांव के ही चार लोग मिलकर जान से मारकर जंगल के गुफा (खोह) में छिपा दिया है।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने उदयपुर पुलिस को तत्काल जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया।उदयपुर पुलिस ने सबसे पहले चारों व्यक्तियों को पकड़ा।
उनसे पूछताछ की।चारों ने शिवप्रसाद की हत्या करना स्वीकार किया।आरोपितों के बताए अनुसार दुर्गम क्षेत्र के गुफा में पुलिस पहुंची।वहां सिर्फ कंकाल मिला।कंकाल भी अलग-अलग टुकड़े में थे।पुलिस ने सभी को जब्त किया।फोरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर की उपस्थिति में पुलिस ने संपूर्ण कार्रवई पूरी की।संपूर्ण करवाई में थाना प्रभारी उदयपुर उपनिरीक्षक धीरेंद्रनाथ दुबे, उप निरीक्षक समरेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक रविंद्र प्रताप सिंह, आरक्षक देव नारायण सिंह, लाखन सिंह, अजय शर्मा, रविंद्र साहू, विजय सिंह, नगर सैनिक अपीकेश्वर दास शामिल रहे।
सुनियोजित तरीके से की थी हत्या
पुलिस जांच में पता चला कि घटना दिनांक को मृतक शिवप्रसाद पंडो घर में अकेला था, जिसकी सूचना आरोपित चंदोरिहा पंडो को मिली थी। सूचना पर चंदोरिहा के द्वारा बीरबल पण्डो, कैलाश पण्डो, बिझरिहा पण्डो को बुलाया गया। सभी आरोपित योजनाबद्ध तरीके से शिवप्रसाद पंडो को खोजने उसके घर जा रहे थे। तभी शिवप्रसाद पंडो गांव में ही तालाब के किनारे मिल गया।आरोपितों ने उसपर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। मृतक के शव को अटेम नदी के किनारे गुफा (खोह) में डाल दिया था।सभी आरोपित अपने घरों में आराम से रह रहे थे।चारों आरोपितों ने जमीन विवाद एवं अक्सर होने वाले झगडे से तंग आकर हत्या कारित करना स्वीकार किया।
तो मिट जाता पूरा सबूत
आरोपितों ने दुर्गम इलाके के जंगल में स्थित एक ऐसे गुफा में शव को फेंका था,जहां पहाड़ का पानी आकर गिरता है।गुफा के भीतर से पानी बहती है।लगातार पानी मे रहने से शव सड़ गया था।गुफा का पानी आगे जाकर आटेम नदी में मिल जाता है।घटनास्थल को देखने के बाद संभावना जताई गई कि यदि कुछ दिन तक पता नहीं चलता तो तेज वर्षा में हड्डियां बहकर नदी में चली जाती या बालू के ढेर में ही दफन हो जाती।पुलिस के मुताबिक मृतक शिवप्रसाद के विरुद्ध भी थाने में शिकायत दर्ज थी।