आई अध्ययन
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस अप्रैल में नामांकित अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि 2022 की चौथी तिमाही में घरेलू निवेश में और अधिक मजबूती की उम्मीद है।
वैश्विक विकास दर में भी सुधार का सिद्धांत
विश्व आर्थिक परिदृश्य के ताजा अपडेट में कहा गया है, “भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो अप्रैल के अनुमान की तुलना में 0.2 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2022 में वृद्धि 3.5 प्रतिशत से जनसंख्या 2023 और 2024 में 3 प्रतिशत होने का अनुमान है। 2023 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि का अनुमान 2023 में विश्व आर्थिक परिदृश्य (बायो) की भविष्यवाणी में बताया गया है। लेकिन यह ऐतिहासिक मानकों के आधार पर अब भी अधूरा बना हुआ है।
आई स्टॉल के अनुसार ग्लोबल इकोनॉमी में खुलासा-अचानक का जोखिम कम हुआ
आई स्टालो ने कहा कि अमेरिका में कर्ज़ सीमा विवाद के समाधान और इस साल की शुरुआत में अमेरिका और स्विस में उथल-पुथल को रोकने के लिए अधिकारियों की कड़ी कार्रवाई ने वित्तीय क्षेत्र में उथल-पुथल को कम कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में नियुक्ति उच्च बनी रह सकती है और यहां तक कि वृद्धि भी हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार जापान में युद्ध के अध्ययन और प्रतिकूल मौसम के कारण स्मारक नीति और सख्ती की जा सकती है। आई.एम.एफ. ने कहा है, ”राजकोषीय घाटा और सरकारी ऋण महामारी से पहले के स्तर से ऊपर है, ऐसे में मध्यम अवधि के विश्वसनीय राजकोषीय पदों की आवश्यकता है ताकि बजटीय भंडारों की बहाली की जा सके और कर्ज़ की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।”
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