एक ऐसा दौर था जब बॉलीवुड फिल्मों को देख लोग थिएटर में बैठकर सीटी बजाने पर मजबूर हो जाया करते थे। लेकिन आज कल के समय में हिन्दी सिनेप्रेमियों का झुकाव बॉलीवुड से ज्यादा साउथ की फिल्मों की तरफ बढ़ गया है।
एक ऐसा दौर था जब बॉलीवुड फिल्मों को देख लोग थिएटर में बैठकर सीटी बजाने पर मजबूर हो जाया करते थे। लेकिन आज कल के समय में हिन्दी सिनेप्रेमियों का झुकाव बॉलीवुड से ज्यादा साउथ की फिल्मों की तरफ बढ़ गया है।