पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठाया स्काई वाक का मुद्दा, कहा- मैं रुकने वाला नहीं हूं

Toran Kumar reporter

रायपुर। राजधानी के बहुचर्चित स्काईवाक के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने इसे अप्रमाणित करार दिया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्काईवाक निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तीन जनवरी 2023 को इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। विधानसभा के बजट सत्र में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने लिखित में बताया कि स्काईवाक के निर्माण में भ्रष्टाचार प्रमाणित नहीं हुआ है। साथ ही शास्त्री चौक पर निर्माणाधीन स्काईवाक फुट ओवरब्रिज के शेष कार्य को पूरे किए जाने के लिए समिति से सुझाव प्राप्त हुआ है। हालांकि अभी तारीख नहीं बताई जा सकती, लेकिन समिति से प्राप्त सुझावों के आधार अधूरे कार्य को पूर्ण किया जाएगा।

स्काई वाक निर्माण के लिए आठ मार्च 2017 को डा. रमन सिंह की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने स्वीकृति प्रदान की थी। अनुबंध के मुताबिक कार्य को 23 जनवरी 2018 को पूरा करना था। लगभग 50 प्रतिशत भौतिक एवं वित्तीय कार्य के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही स्काईवाक प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया गया। स्काईवाक बनेगा या टूटेगा इस मामले को लेकर पूर्ववर्ती सरकार ने एक समिति का गठन किया, जिसमें सामान्य सुझाव समिति व तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट दी। 20 अगस्त 2020 को सामान्य सुझाव समिति ने स्काईवाक को तोड़ना अनुचित बताया था।

साइंस कालेज चौपाटी मास्टर प्लान में सड़क
विधानसभा में स्मार्ट सिटी के संबंध में पूछे गए सवालों के क्रम में साइंस कालेज चौपाटी पर भी जवाब मांगा गया। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने बताया कि कि रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे यूथ हब ग्रीन कारीडोर परियोजना में उक्त भूमि का का मास्टर प्लान सार्वजनिक, अर्धसार्वजनिक (शैक्षणिक) एवं मार्ग मद में दर्ज है। वर्तमान में यह परियोजना में 7700 वर्गमीटर तक बन चुका है। साइंस कालेज चौपाटी जिस स्थान पर बनाया गया है, मास्टर प्लान में वह आमोद-प्रमोद का स्थान नहीं है।

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