Sheikh Irfan reporter
Uttarakhand Tunnel Rescue Opration: उत्तरकाशी टनल बचाव अभियान में जुटी रेस्क्यू टीम को नौवें दिन बड़ी सफलता मिली है. दरअसल, रेस्क्यू टीम टनल के मलबे के दूसरी ओर 6 इंची चौड़े पाइप को पहुंचाने में कामयाब हुई है. इस पाइप के माध्यम से सुरंग में फंसे मजदूरों को 9 दिन बाद खाना नसीब हुआ है. उन्हें पहली बार खिचड़ी, दलिया और संतरे भेजे गए जो अभी तक के खाना भेजने में शामिल नहीं थे. जानकारी के अनुसार, मजदूरों को अब तक ड्राई फ्रूट्स और पानी भेजा जा रहा था.
सुरंग के अंदर का पहला फुटेज आया सामने
VIDEO | First visuals of workers stuck inside the collapsed Silkyara tunnel in #Uttarkashi, Uttarakhand.
— Press Trust of India (@PTI_News) November 21, 2023
Rescuers on Monday pushed a six-inch-wide pipeline through the rubble of the collapsed tunnel allowing supply of larger quantities of food and live visuals of the 41 workers… pic.twitter.com/mAFYO1oZwv
इसी बीच, सुरंग के अंदर का वीडियो भी पहली बार सामने आया है. इसमें देखा जा सकता है कि मजदूर किन हालात में सुरंग के अंदर हैं. इस दौरान रेस्क्यू में जुटे अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बात भी की. सुरंग के अंदर मजदूरों का हाल जानने के लिए पाइप के जरिए सुरंग में कैमरा भेजा गया है. रेस्क्यू अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बात की.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | First visuals of the trapped workers emerge as the rescue team tries to establish contact with them. The endoscopic flexi camera reached the trapped workers. pic.twitter.com/5VBzSicR6A
— ANI (@ANI) November 21, 2023
सोमवार (2o नवंबर) को बचावकर्मियों को सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में ड्रिलिंग कर मलबे के आर-पार 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास की पाइपलाइन डालने में सफलता मिल गई. इसके जरिये श्रमिकों को ज्यादा मात्रा में भोजन सामग्री, संचार उपकरण और अन्य जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकेंगी. एक अधिकारी ने बताया, 6 इंच का यह पाइप 53 मीटर लंबा है. यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है. एक वैकल्पिक जीवन रेखा होने के अलावा यह यह हमें ऑक्सीजन और भोजन दोनों भेजने की सुविधा देगा.
9 दिन बाद भेजा गया गर्म खाना
अधिकारी ने ये भी बताया फंसे हुए श्रमिकों में से एक दीपक कुमार के रिश्तेदार से बात हुई है, जिन्होंने बताया कि भोजन भेजे जाने के बाद सुरंग के अंदर श्रमिक खुश हैं. वहीं, श्रमिकों के लिए भोजन तैयार करने वाले हेमंत ने बताया, ”पहली बार उनके लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है, जिसमें खिचड़ी, दाल और फल शामिल हैं.
बता दें कि 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद सिलक्यारा सुरंग के कुछ हिस्से ढहने से 41 निर्माण श्रमिक उसमें फंस गए थे. बचाव अभियान के दौराव अब तक श्रमिकों को 4 इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के जरिये खाने-पीने की हल्की चीजें पहुंचाई जा रही थीं.