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Diwali 2023 Lakshmi Ganesh Puja Niyam: आज यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि के दिन दीपावली पर्व हर्षोल्लाह के साथ मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे. इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और भक्तों की प्रार्थना को सुनती हैं. यह मान्यता भी है कि प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
दिवाली के शुभ अवसर पर घर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की जाती है. लेकिन इस दौरान साधक को कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, क्योंकि सही दिशा में मूर्ति ना होने से या बिना नियम जाने मूर्ति स्थापित करने से व्यक्ति को कई प्रकार के दुष्परिणाम का सामना भी करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति से जुड़े कुछ विशेष नियम.
इस दिशा में स्थापित करें लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर हो. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिशा को देवी-देवताओं का दिशा माना गया है. इस दिशा में देवी-देवताओं का मुख करके पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है.
लक्ष्मी गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय इन बातों का रखें ध्यान
प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना करते समय और मूर्ति स्थापना के समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान गणेश की प्रतिमा लक्ष्मी जी के दाएं ओर स्थापित करें. जबकि कुछ लोग अज्ञानतावश बाएं ओर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं जो की बिल्कुल गलत है और इसका दुष्परिणाम व्यक्ति को झेलना पड़ सकता है.
मूर्ति स्थापना के साथ महत्वपूर्ण है कलश स्थापना
दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापना के साथ-साथ कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है. इस दिन कलश स्थापना करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, जिससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.