छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पदमनाभपुर क्षेत्र में रिटार्यड बुजुर्ग व्यक्ति के साथ घटित लूट के मामले का खुलासा

Toran Kumar reporter.11.4.2023/✍️

भिलाई। बालोद जिले में रहने वाले सेवानिवृत्त बीएसपी कर्मी से लूटपाट करने वाले बदमाश अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य निकले। इस गिरोह में कुल आठ सदस्य शामिल हैं। जिन्होंने बुजुर्ग से 13 लाख 50 हजार रुपये की लूट की थी। पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरोह के दोनों मास्टरमाइंड फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। आरोपितों का लोकेशन मिलने के बाद पुलिस के जवान वेंडर बनकर ट्रेन में घूमते रहे। आरोपितों को चिह्नित करने के बाद उन्हें अनूपपुर रेलवे स्टेशन से पकड़ा। गिरफ्तार किए आरोपितों के पास से सात लाख रुपये नकद जब्त किया गया है। आरोपितों के खिलाफ लूट की धारा के तहत कार्रवाई की गई है।

एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने बताया कि बीते 29 मार्च को ग्राम भोथीपार गुंडरदेही जिला बालोद निवासी सेवानिवृत्त बीएसपीकर्मी पैगंबर सिंह मंडावी से लूट की घटना हुई थी। छह आरोपितों ने उससे 13 लाख 50 हजार रुपये लूट लिए थे। सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी विश्लेषण से आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई गई। जिसके आधार पर पुलिस ने ग्राम नरौरा जिला बुलंद शहर उत्तर प्रदेश निवासी अली शेख (38), अली मोहम्मद (35), तस्लीम खान (28), अनीश खान (35), अब्दुल अजीम (70) और ग्राम सयलोकर जिला करौली राजस्थान निवासी बबलू खान (36) को गिरफ्तार किया। आरोपितों के पास से सात लाख रुपये नगद जब्त किया गया है। वहीं इस गिरोह के मास्टर माइंड परवीन खान निवासी ग्राम सागनेर जिला जयपुर राजस्थान और आलम खान निवासी मुरैना मध्यप्रदेश फरार हैं। जिनकी पतासाजी की जा रही है। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने वर्ष 2018 में बालोद एक किसान से इसी तरह से ठगी की थी और जेल भी गए थे।

कुछ सदस्यों को पकड़ाने के बाद राजनांदगांव के अधिवक्ता को दी एडवांस फीस

एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना के बाद सभी आरोपित उत्तर प्रदेश निवासी अपने गृहग्राम चले गए थे। वहां से ये लोग बिलासपुर आ रहे थे। इनका लोकेशन मिलने के बाद पुलिस की टीम वेंडर बनकर ट्रेन में सवार हुई और आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया। वहीं आरोपित बबूल खान और गिरोह के दोनों मास्टर माइंड परवीन खान व आलम खान दूसरी ट्रेन से बिलासपुर पहुंच रहे थे। उत्तर प्रदेश के आरोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी लगते ही वे तीनों राजनांदगांव में उतर गए। राजनांदगांव में किसी अधिवक्ता से मिले और उन्होंने अपने साथियों की जमानत के लिए अधिवक्ता को एडवांस में फीस भी दे दी। बाकी के तीन आरोपितों का भी लोकेशन मिलने के बाद पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए रवाना हुई, लेकिन वहां से परवीन खान और आलम खान फरार हो गए। सिर्फ बबलू खान को ही पकड़ा जा सका।

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