दिल्ली पुलिस:11 आरोपी गिरफ्तार, 19 लाख रुपए नगद,50 लाख कीमत का नकली सामान बरामद
यह गिरोह मशहूर अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के नाम पर नकली ऑटोमोबाइल पार्ट्स बेचकर न सिर्फ कंपनियों को करोड़ों का चूना लगा रहा था, बल्कि गाड़ियों की सुरक्षा से भी खुला खिलवाड़ कर रहा था
विश्वसनीय सूचना पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच की ISC यूनिट ने 26 जुलाई को करोल बाग के चार अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान 50 लाख रुपये कीमत के नकली ऑटो पार्ट्स, ब्रांडेड इंजन ऑयल की सैकड़ों बोतलें, जाली होलोग्राम, स्टिकर्स, पैकेजिंग मटेरियल और प्रिंटिंग मशीनें बरामद की गईं। इसके अलावा मौके से 19 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने इस धंधे से जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह लोकल और छोटे स्तर के मैन्युफैक्चरर्स से घटिया क्वालिटी के ऑटो पार्ट्स बेहद सस्ते दामों में बनवाता था। इसके बाद नकली ब्रांड लेबल, होलोग्राम और असली जैसी पैकिंग तैयार कर इन्हें बड़े ब्रांड्स के नाम से मार्केट में उतार दिया जाता था। ये फर्जी पार्ट्स दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों के ऑटो पार्ट डीलरों, मैकेनिकों और रिपेयर शॉप्स को थोड़े सस्ते दामों पर बेचे जाते थे। कुछ मामलों में ये सामान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी बेचा जाता था और ग्राहकों को OEM या एक्सपोर्ट रिजेक्ट बताकर गुमराह किया जाता था।
छापेमारी में बरामद नकली सामान में ब्रेक शूज, फिल्टर्स, स्पार्क प्लग, क्लच प्लेट्स जैसे महत्वपूर्ण पुर्जे शामिल हैं, जिनकी खराब क्वालिटी से गाड़ियों में हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लोग शामिल हैं, जिनमें से कई पहले ऑटो पार्ट्स की दुकानों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों में काम कर चुके हैं। मास्टरमाइंड धीरज सिंह पर आरोप है कि वह पिछले चार साल से इस धंधे को चला रहा था। उसके साथियों में अकाउंट्स से लेकर फर्जी पैकिंग और सप्लाई चेन को संभालने वाले लोग शामिल थे।
पुलिस के मुताबिक नकली पार्ट्स बेचने के लिए नकद लेनदेन किया जाता था ताकि जांच से बचा जा सके। फर्जी बिलिंग और नकली UPI ट्रांजैक्शन से भी पैसों को इधर-उधर किया जाता था।
क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई ने साबित कर दिया कि नकली माल बेचने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी। इस गिरोह के पकड़े जाने से कंपनियों को राहत मिलने के साथ-साथ हजारों ग्राहकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। पुलिस फिलहाल पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ रही है ताकि इस रैकेट से जुड़े और लोगों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सके