गुजरात के अहमदाबाद और बोटाद जिलों में देसी शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा अब 24 पर पहुंच चुका है. जिसमें से 15 मृतक बरवाला तालुका के और 9 धधुका तालुका के बताए जा रहे हैं. इसके अलावा सप्लाई करने वाले टेंपो को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है. जानकारों का कहना है कि मरने वालों की संख्या अभी भी बढ़ सकती है, कई की हालत नाजुक बताई जा रही है. बोटाद जिले की पुलिस बरवाला तालुका गांव में शराब पीने वाले लोगों की तलाश कर रही है ताकी उनका इलाज किया जा सके.
शराब पीने के कुछ देर बाद ही बिगड़ने लगी थी तबीयत
इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है साथ ही गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच भी जांच में शामिल हो गयी हैं. इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी थी. वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा हैने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए.
राजनीतिक बयानबाजी भी जारी
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. राज्य में शराब की बिक्री पर पाबंदी है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में मद्यनिषेध के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है। ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। (शराब की बिक्री से जो) पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं. इसकी जांच की जरूरत है.’’