Covid-19 New SubVariant JN.1: दुनियाभर में एक बार फिर कोरोना महामारी का खतरा मंडराने लगा है. कोरोना नए वेरिएंट JN.1 और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को आगाह किया है.
कोरोना के नए वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए COVID-19 तकनीकी प्रमुख, मारिया वान केरखोव ने एक वीडियो जारी किया है. इसमें उन्होंने कोरोना के मामलों में उछाल का कारण बताया, साथ ही ये भी बताया कि इससे कैसे बचा जा सकता है.
मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर X पर कहा कि कई रोगजनकों (जिनके कारण कई तरह के बीमारियों का जन्म होता है) के कारण दुनिया भर में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है. इसमें कोविड-19, फ्लू, राइनोवायरस, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और अन्य SARS-CoV-2 शामिल हैं
Karnataka makes wearing mask mandatory for people above 60 amid JN.1 subvariant scare
— ANI Digital (@ani_digital) December 18, 2023
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तेजी से बढ़ रही बीमारियों की वजह
भारत के साथ ही विश्व के कई अन्य देशों में भी सर्दी की की दस्तक हो चुकी है. वहीं लोग क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां मनाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. लोगों की भीड़ में किसी भी बीमारी के फैलने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.मारिया वान केरखोव ने कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए टीका लगवाने की सलाह दी है.
भारत में स्थिति
भारत में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का मरीज मिलने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं. भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा चल रही नियमित निगरानी शुरू कर दी है. सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारी का मूल्यांकन करने के लिए राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं में एक मॉक ड्रिल चल रही है. जिला कलेक्टरों की देखरेख में यह अभ्यास 13 दिसंबर को शुरू हुआ और 19 दिसंबर, 2023 तक पूरा होने वाला है.
वहीं केरल में पाए गए अधिकांश मामले चिकित्सकीय रूप से हल्के बताए गए हैं, स्वास्थ्य अधिकारी सीओवीआईडी -19 वेरिएंट से संबंधित उभरती स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए चल रही सतर्कता और तैयारियों के महत्व पर जोर दिया हा.
भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG), जीनोमिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क, भारत में COVID-19 के जीनोमिक पहलुओं की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है. कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और कुछ मामलों में हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण शामिल हैं. स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि अधिकांश मरीज इन हल्के ऊपरी श्वसन लक्षणों का अनुभव करते हैं, जो आम तौर पर चार से पांच दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं.