छत्तीसगढ़ के कांकेर में चाइल्ड एडाप्शन सेंटर में बच्चों की पिटाई, महिला कर्मचारी पर FIR दर्ज..बच्चों को पीटते हुए हुआ था वीडियो वायरल!

Tarun Kumar reporter…6.6.2023/✍️

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक एनजीओ के केंद्र में एक महिला कर्मचारी ने दो बच्चों की कथित पिटाई कर दी.बच्चों को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. सोशल मीडिया में वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में महिला कर्मचारी कथित तौर पर एक लड़की की जमकर पिटाई करती दिख रही हैं और उसके बाल खींच रही है. इसके बाद महिला कर्मचारी ने लड़की को उठा लिया और उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसकी पिटाई की.इसके बाद वह दूसरी लड़की को उसी बिस्तर पर लेटने के कहती है और उसे पीटती है.

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.राज्य सरकार ने इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी को भी निलंबित कर दिया है. यह अधिकारी पिछले वर्ष घटना के समय कांकेर में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में तैनात था.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को इस संबंध में वीडियो के सामने आने के बाद शुक्ला ने महिला एवं बाल विकास संचालनालय को पत्र लिखा और उन्हें इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था. महिला एवं बाल विकास विभाग के दल ने रविवार को अभिकरण का निरीक्षण किया था.इसके बाद कलेक्टर ने सोमवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और एनजीओ की सेवाएं निलंबित करने का आदेश दिया था.

सोशल मीडिया में वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में द्विवेदी कथित तौर पर एक बालिका की जमकर पिटाई करती दिख रही हैं और उसके बाल खींच रही है. इसके बाद द्विवेदी ने बालिका को उठा लिया और उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसकी पिटाई की.इसके बाद वह दूसरी बालिका को उसी बिस्तर पर लेटने के कहती है और उसे पीटती है.अभिकरण में छह साल से कम उम्र के अनाथ बच्चों को रखा जाता है.

कांकेर की कलेक्टर शुक्ला ने बताया कि द्विवेदी खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 323, किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.कलेक्टर ने बताया कि द्विवेदी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच की जा रही है.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के नोडल अधिकारी (जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी) को कथित लापरवाही के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.उन्होंने बताया कि अभिकरण में बच्चों की बेहतर सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं.

कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा था कि विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण कांकेर में शिकायत (बच्चों पर हमले की) को सही पाया गया है.उन्होंने द्विवेदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसके खिलाफ किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

रिपोर्ट के अनुसार मिश्रा ने एनजीओ को कांकेर स्थित अभिकरण के संचालन से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने की भी सिफारिश की है.उन्होंने जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लाडिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश की है.

रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को निरीक्षण के दौरान द्विवेदी ने स्वीकार किया कि वीडियो उसी केंद्र का है और यह करीब एक साल पहले का है.अधिकारियों ने बताया कि द्विवेदी ने अपने बयान में कहा कि उसने केंद्र की दो बालिकाओं की पिटाई की, क्योंकि तब उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी.उसने यह भी कहा कि एक बालिका को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद वह आंगनबाड़ी केंद्र से लौटते समय अज्ञात व्यक्तियों से चॉकलेट लेती थी.द्विवेदी ने कहा था कि उसने अपने कृत्य के लिए माफी मांगी थी और उसके बाद से उन्होंने कभी ऐसी घटना नहीं दोहराई.

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