छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ट्रैफिक नियम लागू करवाने के लिए अपनाया अनोखा तरीका, हेलमट न पहनने पर करवाई सफाई

दुर्ग सोमवार की शाम को भिलाई टाउनशिप के ग्लोब चौक पर सैकड़ों लोग सफाई के काम में जुटे थे। सफाई करने वालों में पुरुष के साथ महिलाएं, युवक और युवतियां भी थी। वहां पर साथ में पुलिस वाले भी खड़े थे। पहली नजर में देखकर ऐसा लगा कि ये कोई स्वच्छता अभियान है। लेकिन, बाद में पता चला कि ये कोई स्वच्छता अभियान नहीं, बल्कि यातायात नियमों का पालन न करने की सजा है। जी हां, दुर्ग पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाने के लिए यह नया प्रयोग किया है। जिसमें नियमों का उल्लंघन करने वालों दो विकल्प दिए जा रहे हैं। या तो वे चालान पटाएं या फिर श्रमदान कर सफाई करें। पहले दिन ग्लोब चौक 445 लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े गए। जिनसे श्रमदान कर सफाई करवाई गई और उन्हें समझाइश भी दी गई कि वे नियमों का पालन करें।

पुलिस ने चौक बिना हेलमेट, दो पहिया में तीन सवारी और कार में बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों के लिए ही यह विकल्प रखा है। बाकि शराब पीकर वाहन चलाने वालों और तेज रफ्तार में स्टंटबाजी करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ये सजा दी। ग्लोब चौक के पास सड़क किनारे काफी कचरा पसरा था। साथ ही सिविक सेंटर से लगी झाड़ियों में शराबियों ने कचरा फैला रखा था। जिसकी पूरी तरह से सफाई हो गई।

इस सजा से लोग दुख या संताप में नहीं दिखे। बल्कि, उन्हें प्रयोग अच्छा लगा कि सबक सिखाने के लिए पुलिस उनसे श्रमदान करवा रही है। इससे उनका शहर साफ तो होगा ही, साथ पकड़े गए सभी लोगों ने दोबारा नियम न तोड़ने का प्रण भी लिया। वहीं कुछ लोग ऐसे भी मिले। जिन्होंने सफाई करने से इन्कार किया तो पुलिस ने उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई कर उनसे जुर्माना वसूल किया। कुछ दो पहिया वाहनों में माडीफाई साइलेंसर लगे मिले। जिन्हें मौके पर ही निकलवाया गया और उनसे भी जुर्माना वसूल किया गया।

पुलिस, आम लोगों की सुरक्षा के लिए ही उन्हें जागरूक कर रही। हमारा उद्देश्य सिर्फ कड़ाई करना ही नहीं, बल्कि लोगों को सचेत करना भी है। इसलिए आज से ये अभियान शुरू किया गया है। अब अगले छह महीने तक शहर के अलग अलग स्थानों पर इसी तरह से कार्रवाई की जाएगी। मुझे विश्वास है कि लोग अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और नियमों का पालन करना शुरू करेंगे।

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