छत्तीसगढ़ में हाल ही में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल की संख्या 14 हो जाने को लेकर संवैधानिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके आधार पर मंत्रिपरिषद का यह विस्तार अनुच्छेद 164(1क) का उल्लंघन माना जा रहा है।
याचिकाकर्ता का तर्क:
विधि के अनुसार, 90 सदस्यों वाली विधानसभा में अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं (विधायकों की संख्या का 15% तक)।
वर्तमान में मंत्रियों की संख्या 14 तक बढ़ाई गई, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ।
याचिका में मुख्यमंत्री समेत सभी 14 मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है, और सरकार से विस्तृत निर्देशों की मांग की गई है।
उच्च न्यायालय का रुख:
कोर्ट ने राज्य सरकार से मंत्रिमंडल विस्तार से सम्बंधित दिशा-निर्देशों की जानकारी मांगते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा है।
याचिकाकर्ता को अपने सामाजिक पृष्ठभूमि और जनहित में की गई सेवाओं का विवरण शपथपत्र में पेश करने का आदेश दिया गया।
अगली सुनवाई 2 सितंबर (मंगलवार) को निर्धारित की गई है।
राजनीतिक हलचल तेज:
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस घटना को गंभीर बताते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है और एक मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की है।
वहीं, भाजपा ने इस विस्तार को हरियाणा मॉडल की नकल बताते हुए सरकार पर आपातकालीन संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।