चंडीगढ़: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “… हम सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उस पर राय लेंगे…

एमएसपी (MSP) समेत अन्य मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए निकले किसानों के आंदोलन का आज यानी सोमवार को 7वां दिन है. छठे दिन यानी 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों की किसान संगठन के प्रतिनिधियों संग चौथे दौर की बातचीत हुई. इस बातचीत के बाद पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान 21 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च के साथ आगे बढ़ना जारी रखेंगे और प्रस्तावित प्रस्ताव पर भी सरकार से चर्चा होगी.

सरवन सिंह ने कहा, ‘हम अगले दो दिनों में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. सरकार अन्य मांगों पर भी विचार करेगी. अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हम 21 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रखेंगे. पंधेर ने सोमवार (18 फरवरी) को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक के समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा.

अहम है 21 फरवरी का दिन
उन्होंने आगे कहा कि सरकार और किसान संगठन मुद्दों का समाधान खोजने की कोशिश करेंगे. ‘हम सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उस पर राय लेंगे. फैसला आज सुबह, शाम या परसों तक लिया जाएगा.’ मंत्रियों ने कहा कि वे अन्य मांगों पर बाद में चर्चा करेंगे. अब 21 फरवरी को होने वाला ‘दिल्ली चलो’ मार्च चर्चा के आधार पर तय किया जाएगा. हम (सरकार और किसान यूनियन) मिलकर कोशिश करेंगे मुद्दों का समाधान ढूंढें.

MSP पर दो दिन तक होगी चर्चा
इस बीच किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है, जिसकी निगरानी और प्रबंधन दो सरकारी एजेंसियां करेंगी. हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के प्रस्ताव (MSP पर) पर चर्चा करेंगे और फिर, हम एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. हमारा मार्च (दिल्ली चलो) मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा. कई अन्य मुद्दों पर बातचीत मांगों को पूरा करने की जरूरत है.

सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है’
डल्लेवाल ने आगे कहा कि सरकार के साथ चौथे दौर की बातचीत के दौरान हमारी (किसानों की) मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई. विरोध प्रदर्शन के बीच बैठक के समापन के बाद एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, ‘सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है, जो दालों, मक्का और कपास पर एमएसपी की गारंटी देता है, जिसकी देखरेख और प्रबंधन दो सरकारी एजेंसियां करेंगी.

‘किसानों के साथ सकारात्मक चर्चा’
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बहुत सकारात्मक और व्यापक चर्चा हुई है और किसान नेता कल तक सरकार के प्रस्तावों पर अपने फैसले की घोषणा करेंगे. अगले 5 सालों के लिए एक अनुबंध बनाएंगी और किसानों से एमएसपी पर उत्पाद खरीदेंगी. मात्रा पर कोई सीमा नहीं होगी. वहीं, पंजाब के आंदोलनकारी किसानों ने एमएसपी और ऋण माफी के लिए कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने पर एक अध्यादेश सहित विभिन्न मांगें उठाई हैं.

इससे पहले हो चुकी है 3 दौर की बैठक
केंद्र के मंत्रियों और किसान नेताओं ने पहले इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को मुलाकात की थी, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही. यह बैठक तब हो रही है जब हजारों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू और खनौरी बिंदुओं पर बैरिकेड्स की परतों और बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों के साथ डेरा डाले हुए हैं और राष्ट्रीय राजधानी की ओर उनके मार्च को रोक रहे हैं. गैर-राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है और बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र से उनकी मांगों को मानने का आग्रह किया

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