Chaitra Navratri 2024 3rd Day: आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। चैत्र नवरात्र के तीसरा दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति की उपासना का दिन है। यानि आज देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाएगी। देवी मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होने के कारण ही इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। मां चंद्रघंटा, जिनका वाहन सिंह है और जिनके दस हाथों में से चार दाहिनी हाथों में कमल का फूल, धनुष, जप माला और तीर है और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जबकि चार बाएं हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है और पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है,
उनका स्वरूप भक्तों के लिए बड़ा ही कल्याणकारी है। ये सदैव अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहती हैं। इनके घंटे की ध्वनि के आगे बड़े से बड़ा शत्रु भी नहीं टिक पाता है। लिहाजा देवी चंद्रघंटा हर परिस्थिति में सभी तरह के कष्टों से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
माता रानी को लगाएं ये भोग और इस मंत्र का करें जाप
आज माता चंद्रघंटा को प्रसाद के रूप में गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। कहते हैं कि माता रानी को खीर का भोग लगाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शास्त्रों में नवरात्र के दौरान माता को कुछ-न-कुछ दान करने का विधान है। लिहाजा आज नवरात्र के तीसरे दिन देवी मां के पैरों को रंगने के लिए आलता, सिर के लिए सिंदूर और देखने के लिए दर्पण दिए जाते हैं। आज देवी यह सब भेंट करने से व्यक्ति को देवी मां से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
मां चंद्रघंटा पूजा विधि
- चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन प्रात:काल स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें
- इसके बाद पूजा स्थल या मंदिर पर गंगाजल छिड़कें
- अब माता चंद्रघंटा का ध्यान करते हुए घी या तेल का दीपक जलाएं
- देवी मां को सफेद कमल या पीले गुलाब के फूल या माला अर्पित करें
- इसके बाद बाद रोली,अक्षत, फल, फूल, धूप-दीप आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं
- मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं
- दुर्गा चालिसा, दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
- मां अंबे की आरती करें और मंत्रों का जाप करें
- शंख और घंटा बजाकर पूजा का समापन करें
मां चंद्रघंटा के इन मंत्रों का करें जाप
आज मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप किया जाए तो जीवन में आ रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। आज आपको माता चंद्रघंटा के मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥ आज इस मंत्र का 11 बार जप करने से जीवन में आ रही परेशानियों का स्वतः ही निवारण होता चला जाएगा। ऐसे में आज के दिन आपको मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए।