CG news:बिलासपुर नगर निगम ने अतिक्रमण कर बनाए गए 742 घरों पर चलाया बुल्डोजर.

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान बवाल मच गया। शहर के चांटीडीह मेलापारा में अतिक्रमण कर बनाए गए 742 घरों पर बुलडोजर चलाया गया। शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे भारी पुलिस बल के साथ निगम अमला मौके पर पहुंचा। अमले ने घरों पर जैसे बुलडोजर चलाना शुरू किया, लोग सामने खड़े होकर नारेबाजी करने लगे।

प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने पर सरकंडा पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। नाराज लोगों का कहना है कि काबिज जमीन का पट्टा होने के बावजूद उन्हें ऐन बारिश से पहले घर से बेदखल किया जा रहा है। हालांकि, प्रशासन की कार्रवाई जारी रही। दोपहर ढाई बजे तक बुलडोजर से 40 मकान ढहा दिए गए।

100 से ज्यादा कर्मी, अफसर पहुंचे अतिक्रमण हटाने

चांटीडीह, मेलापारा में अतिक्रमण पर बने 742 मकानों को ढहाने के लिए निगम और पुलिस प्रशासन के 100 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी दो जेसीबी, पोकलेन, 4 काऊ कैचर, 5 टिपर लेकर पहुंचे। 30-40 सालों से वहां निवास कर रहे लोगों ने निगम की कार्रवाई का विरोध किया तो भीड़ में धक्का मुक्की होने लगी। सरकंडा टीआई तोप सिंह ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने, सरकारी काम में बाधा डालने पर 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। समझाने पर नहीं माने तो प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की कार्रवाई से 40 परिवार असहमत

नगर निगम के अपर आयुक्त खजांची कुम्हार ने बताया कि चांटीडीह मेलापारा में बेजा कब्जा में बसे 1160 लोगों को खमतराई, बहतराई में बने प्रधानमंत्री आवास में शिफ्ट करने के लिए प्रक्रिया दो साल पहले से चल रही है। 400 परिवार पहले ही सरकारी आवास में शिफ्ट हो चुके हैं और मौके से 742 मकानों को हटाया जाना है। लेकिन इनमें से 40 परिवार सहमत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास के लिए उन्हें 4.75 लाख की लागत से बने पक्के मकानों में शिफ्ट किया जा रहा है।

आवंटन के बावजूद नहीं गए, इसलिए कार्रवाई

अपर आयुक्त का कहना है कि चांटीडीह, मेलापारा के अतिक्रमणकारियों को पक्के मकानों में शिफ्ट करने के लिए उन्हें विधिवत अशोक नगर, खमतराई, बहतराई में आवास आवंटित किया जा चुका है। इसके बावजूद बहुत से लोग शिफ्टिंग न कर वहीं रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि खाली कराई गई जगह का उपयोग प्रधानमंत्री आ‌वास, उद्यान निर्माण, बाजार आदि विकसित करने में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सभी 742 मकानों को हटाने तक जारी रहेगी, इसमें 3-4 दिन लग सकते हैं।


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