CG.NEWS:अवैध खनन की कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों पर हमला करने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन,पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार,

Chhattisgarh:गरियाबंद-थाना राजिम क्षेत्र अंतर्गत पत्रकार प्रार्थी नेमीचंद बंजारे एवं उनके साथी जितेन्द्र सिन्हा, शेख इमरान, थानेश्वर साहू , आदी चक्रधारी के साथ झगड़ा विवाद एवं मारपीट करने की सुचना प्राप्त होने पर आरोपियों के विरुद्ध BNS की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया.मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा थाना प्रभारी राजिम को आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के संबंध में दिशा निर्देश दिया गया था .जिसके परिपालन में थाना प्रभारी राजिम के द्वारा थाने में पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की पता तलाश किया गया. पता तलाश दौरान चारों आरोपियों की रायपुर की तरफ भागने की सुचना पर तत्काल team रवाना किया गया. जहाँ आरोपियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया. आरोपियों के विरुद्ध पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है

गिरफ्तार आरोपी
01) उत्तम भारती पिता स्व. आशाराम भारती उम्र 22 वर्ष

02) मयंक सोनवानी पिता स्व. देवनाथ सोनवानी उम्र 19 वर्ष

03) चंद्रभान बंजारे उर्फ भानु पिता ईतवारी राम उम्र 27 वर्ष साकिनान पितईबंद थाना राजिम जिला गरियाबंकद

09) शशांक गरड उर्फ शानु रॉव पिता दानी राम रॉव उम्र 23 वर्ष साकिन चंगोराभाठा रायपुर थाना डी.डी. नगर रायपुर जिला रायपुर
. जिला प्रशासन द्वारा भी अवैध रेत परिवहन की शिकायत पर चैन माउंटेन गाड़ी एवं हैवा गाडी को जप्त किया गया है

गौरतलब है कि इससे पहले पत्रकारों ने सुंदर लाल शर्मा चौक पर धरना देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी और खनिज अधिकारियों की मिलीभगत की जांच की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी सोशल मीडिया पर खनिज अधिकारी पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए थे।

राजिम के इन इलाकों में अवैध रूप से चल रही है रेत खदान

पितईबंद के अलावा राजिम में चौबेबंधा, बकली, रावण, तर्रा, कोपरा में अवैध डंप समेत 10 से ज्यादा खदान अवैध रूप से संचालित हैं। रोजाना शाम ढलते ही हैवा जिले में प्रवेश करती है। रात 8 बजे तक घाटों में खनन शुरू हो जाता है। एक-एक घाट में 5 से 6 फोकलेंड मशीनें लगी होती हैं। तड़के 4 बजे तक अवैध खनन चलता रहता है। गरियाबंद का रेत रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव जैसे जिलों में सप्लाई होता है। रोज माफिया लाखों कमा रहे हैं, जिसका 40 फीसदी हिस्सा जिम्मेदारों को कमीशन के तौर पर जाता है।

यह मामला न केवल पत्रकार सुरक्षा, बल्कि खनन माफिया और प्रशासन के संबंधों पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। गिरफ्तारियों के बाद भी पत्रकारों और आम जनता की मांग है कि सभी अवैध खदानों को तत्काल बंद किया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।