Toran Kumar reporter
Chhattisgarh-राजनांदगांव। जिले के डोंगरगांव निवासी एक परिवार ने अपने 11 वर्षीय पुत्र के साथ डोंगरगढ़ के नवोदय विद्यालय में हुई यातनाओं, मानसिक प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एसडीएम को आवेदन देकर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। बालक कक्षा 6 वीं का छात्र है।
परिजनों ने बताया कि, बीते 17 और 18 सितम्बर को विद्यालय परिसर में उनके पुत्र के साथ गंभीर घटनाएं घटी। उनके पुत्र को कक्षा 8वीं और 7वीं के कुछ छात्रों द्वारा जबरन धमकाते हुए उसके गले में रस्सी बांधकर कहा कि, पंखे से लटक जाओ, अन्यथा हम तुम्हारा गला दबाकर मार डालेंगे। एक छात्र ने तो उसका गला भी दबाया। कॉपियों छुपाई, वस्तुएँ तोड़ीं गई। छात्रावास में बिस्तर पर पानी-मिट्टी डाला। कई बार थाली, गिलास और उसकी चप्पल बाहर फेंक दी गई।
पढ़ाई में हमेशा रहा आगेउक्त बालक ने नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। उसकी एक आंख कृत्रिम है और दूसरी आँख से भी केवल आंशिक दृष्टि होने के बाद भी वह पूर्व में भी सीजी स्कूल में कक्षा का टॉपर रहा है। कठिन परिस्थितियों में भी अच्छी पढ़ाई की है। नवोदय में प्रवेश के लिए उसमें परीक्षा भी पास की और मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनवाया। जिसमें महज आंख की समस्या ही सामने आई।
जांच और कार्रवाई की मांगपरिजनों ने बताया कि, विद्यार्थियों द्वारा प्रताड़ित होते हुए वह काफी भयभीत हो गया है। उसे बार-बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा और कहा गया कि यदि उसने यह बात घर या किसी शिक्षक को बताया तो उस पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। इन सब बातों को विद्यालय में छुपाने का भी प्रयास किया गया। इस पूरे मामले में पीड़ित विद्यार्थी के परिजनों ने पूरे प्रकरण की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले संबंधित सभी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
एफआईआर के लिए थाने पहुंचेपीड़ित छात्र के परिजनों ने बताया कि, उन्हें नवोदय विद्यालय से फोन आया कि आपका पुत्र फांसी लगाने का प्रयास कर रहा है। इसके बाद परिवार के लोग स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रबंधन के द्वारा उसकी पुरानी टीसी और उसका सामान पहले से ही लिखापाढी कर तैयार रखा गया था। जब परिजन पहुंचे तो प्राचार्य के द्वारा बालक को स्कूल से निकल जाने की बात कही गई। आज पीड़ित परिजन डोंगरगढ़ थाने में एफआईआर के लिए पहुंचे। स्कूल प्रबंधन को भी बुलाया गया।
स्कूल प्रबंधन की लापरवाहीपरिजनों ने कहा कि, नवोदय विद्यालय द्वारा छात्र को मानसिक रूप से कमजोर बताकर स्कूल से निकालने टीसी थम दी गई है। उक्त विद्यार्थी लगभग 3 महीने से विद्यालय में अध्ययनरत है। नवोदय विद्यालय की टीसी नहीं देकर उसकी पुरानी टीसी ही दे दी गई है। जबकि उसने नवोदय की परीक्षा पास करके जनरल केटेगरी से यहां प्रवेश पाया था। मामले में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही भी दिखाई दे रही है।