मणिपुर में दो महिलाओं को न्यूड घुमाने का Video शेयर न करें’, केंद्र ने Twitter और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दिया आदेश

Toran Kumar reporter..20.7.2023/✍

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के बीच दो महिलाओं को नग्न घुसाने को लेकर चौतरफा घिरी केंद्र और राज्य सरकार पर विपक्ष हमलावर है. इस बीच केंद्र सरकार ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आदेश जारी कर दो मणिपुरी महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो को शेयर न करने का निर्देश दिया है. आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है क्योंकि मामले की अभी जांच चल रही है.

वहीं, पुलिस अधीक्षक के. मेघचंद्र सिंह ने मणिपुर के एक कथित वायरल वीडियो पर कहा, 4 मई 2023 को अज्ञात बदमाशों द्वारा 2 महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वीडियो के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था. जांच शुरू हो गई है और पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

बता दें कि मणिपुर में भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न घुमाए जाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसकी व्यापक निंदा हो रही है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने दावा किया कि 4 मई को दोनों महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक दुष्‍कर्म किया गया और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा : “4 मई, 2023 को अज्ञात सशस्त्र बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न परेड कराने के वायरल वीडियो के संबंध में दोषियों को गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किया गया. वायरल वीडियो के संबंध में नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई है. राज्य पुलिस पूरी तरह से कार्रवाई कर रही है. दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा.

घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, “मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. महिलाओं के खिलाफ हिंसा की इस भयावह घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है. हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए. केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंखें मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

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