एक युवा ब्रेन-डेड महिला के अंगदान कारण पुणे के कमांड अस्पताल दक्षिणी कमान (CHSC) में सेना के दो सेवारत जवानों सहित कुल पांच लोगों की जान बचाई जा सकी. रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक महिला को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कमांड अस्पताल (CAHSC) में लाया गया था. इलाज के दौरान यह पाया गया कि महिला में जीवन के महत्वपूर्ण मस्तिष्क लक्षण मौजूद नहीं हैं. ऐसे में परिवार ने यह इच्छा प्रकट की कि इन अंगों को उन्हें दान दिया जाना चाहिए जिन्हें इसकी जरूरत है. अस्पताल के प्रत्यारोपण समन्वयक के बाद इस पर काम शुरू हुआ.
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार क दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद युवती को उसके जीवन के अंतिम चरण में अस्पताल लाया गया था, अस्पताल में भर्ती होने तक उसका ब्रेन-डेड हो चुका था. उसके परिवार की इच्छा थी कि महिला के अंगों को उन रोगियों को दान कर दिया जाए जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है. इसके बाद किडनी जैसे व्यवहार्य अंगों को भारतीय सेना के 2 सेवारत सैनिकों में प्रत्यारोपित किया गया.
इसके अलावा आंखों को CH (HC) -आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज परिसर के आई बैंक में संरक्षित किया गया और लीवर को रूबी हॉल क्लिनिक, पुणे में एक मरीज को दिया गया. अंगदान के बदौलत बची जानों के कारण महिला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है, लोग इस बलिदान के लिए उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं.