बंगाल | कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना के सिलसिले में भाजपा नेता राकेश सिंह को कोलकाता पुलिस की एक टीम ने कल रात मार्बेला पीएस क्षेत्र के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया

पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता राकेश सिंह को आज तड़के गिरफ्तार कर लिया है. राकेश सिंह पिछले 5 दिनों से फरार चल रहे थे, जब उन्हें पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के गेट पर कथित रूप से तोड़फोड़ करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. 

पुलिस ने उन्हें कोलकाता के तंगरा इलाके में एक निजी आवास पर छापा मारकर गिरफ्तार किया है. पिछले पांच दिनों से पुलिस राकेश सिंह के आवास पर कई बार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वह कहीं नहीं मिल रहे थे. 

राकेश सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कोलकाता पुलिस के खिलाफ कई वीडियो संदेश जारी किए. बाद में, उनके बेटे सुवम सिंह को उन्हें भागने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. बेटे की गिरफ्तारी के बाद, राकेश सिंह ने एक वीडियो संदेश के जरिए सीधे तौर पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा को धमकी दी थी.

सियालदह कोर्ट में होगी पेशी

एक गुप्त सूचना के आधार पर, कोलकाता पुलिस ने आज आधी रात करीब 2 बजे कोलकाता के तंगरा इलाके में एक आवासीय इमारत पर छापा मारा. तलाशी अभियान के दौरान, राकेश सिंह घर में छिपे हुए पाए गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया. राकेश सिंह को बुधवार सुबह सियालदह कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस को उम्मीद है कि वह इस मामले में आगे की पूछताछ के लिए सिंह को रिमांड पर लेगी.

क्या है पूरा मामला?

पिछले हफ्ते पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित अपमान के बाद, राकेश सिंह के नेतृत्व में कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कोलकाता में ‘पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी’ के मुख्यालय विधान भवन में प्रोटेस्ट और कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी. इस हिंसक विरोध के बाद, एंटली पुलिस स्टेशन में राकेश सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. 

कोलकाता पुलिस ने बीजेपी नेता राकेश सिंह और अन्य के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 27, राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2, 109 और बीएनएस की धारा 115 (2), 118(1), 226(2), 3(5), 324(2), 326, 329(4), 351, 79 के तहत एफआईआर दर्ज  किया गया था.

राकेश सिंह के तीन करीबी और बीजेपी समर्थक को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन राकेश सिंह अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही फरार थे. आखिरकार, कोलकाता पुलिस राकेश सिंह को उनके गुप्त ठिकाने से गिरफ्तार करने में कामयाब रही.