नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani) और उनके परिवार के सदस्यों ( Ambani Family Member ) को देश और विदेश में उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा (Z-plus security) मुहैया कराने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सोमवार को कहा कि यह सुविचारित राय है कि यदि सुरक्षा को खतरा है तो सुरक्षा कवर को किसी विशेष क्षेत्र या रहने के स्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता है.
पीठ ने कहा कि प्रतिवादी संख्या दो से छह (अंबानी परिवार) को प्रदान की गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा उन्हें पूरे देश और विदेश में उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत अंबानी परिवार वहन करेगा.
पीठ ने कहा, ”सर्वोच्च Z+ सुरक्षा कवर प्रतिवादी संख्या को प्रदान किया गया. 2 से 6 (अंबानी) पूरे भारत में उपलब्ध होंगे और इसे महाराष्ट्र राज्य और गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया जाना है
भारत सरकार की नीति के अनुसार उच्चतम स्तर का जेड प्लस ( Z+ )सुरक्षा कवर भी प्रदान किया जाना चाहिए, जबकि प्रतिवादी संख्या. 2 से 6 विदेश यात्रा कर रहे हैं और इसे गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत या विदेश में अंबानी को Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत उनके द्वारा वहन की जाएगी.
कोर्ट ने कहा कि देश के भीतर और देश के बाहर भी अंबानी की व्यावसायिक गतिविधियों को देखते हुए, सुरक्षा कवर प्रदान करने का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा, यदि यह किसी विशेष स्थान या क्षेत्र तक ही सीमित है.पीठ ने कहा “हम पाते हैं कि प्रतिवादी संख्या को प्रदान किया गया सुरक्षा कवर. 2 से 6 विभिन्न स्थानों पर और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है
शीर्ष अदालत का आदेश याचिकाकर्ता बिकास साहा द्वारा दायर एक आवेदन पर आया, जिसमें 22 जुलाई, 2022 के अपने उस आदेश का स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसमें उसने केंद्र को मुंबई में अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा कवर जारी रखने की अनुमति दी थी.
इसने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया था.
त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने बिकास साहा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश पारित किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चे को खतरे की धारणा और आकलन रिपोर्ट के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा रखी गई मूल फाइल को रखने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है