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नई दिल्लीः Basant Panchami 2025 बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा। हमारे ग्रंथों में बसंत पंचमी के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। बुद्धि की प्राप्ति के लिए, ज्ञान की प्राप्ति के लिए, संगीत के क्षेत्र में, कला के क्षेत्र में, उन्नति के लिए लोग मां सरस्वती का विशेष पूजन बसंत पंचमी के दिन करते हैं। ऐसा शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन स्कूलों में मंदिरों में लोग विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
माँ सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. पूजा के दौरान माँ सरस्वती के किसी भी एक मंत्र का जाप कम से कम 108 बार ज़रूर करें. माँ सरस्वती को पीले और सफ़ेद फूल अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूजा के दौरान उन्हें ये फूल ज़रूर अर्पित करें. इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है इसलिए पूजा के दौरान आप भी पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
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बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025)
हिन्दू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार माघ शुक्ल पंचमी तिथि को मनाया जाता है, इस तिथि की शुरुआत 2 फ़रवरी से 9 बजकर 14 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 फ़रवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा.