रायपुर बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में शनिवार को ओडिशा के तीन लोगों ने धर्म वापसी करके सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की। एक मुस्लिम युवती ने भी हिन्दू धर्म को अपनाने की घोषणा करते हुए कहा कि सनातन धर्म श्रेष्ठ है। इसमें भाई बहन की शादी नहीं होती। तीन तलाक कहकर छोड़ नहीं दिया जाता। मंच से महाराज ने सभी का स्वागत किया
वहीं, दूसरी ओर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में भोपाल में MP के संत पुजारी संघ ने बड़ी बैठक की है। बैठक के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में ये लिखा गया कि है कि कोई संस्था या समाज उनके ऊपर आरोप लगाते हैं या उनकी प्रतिष्ठा पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे तो संत पुजारी संघ के लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि नागपुर के एक शख्स के आरोपों का जवाब देते हुए कल धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया के सामने दिव्य दरबार लगाया और यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से ही पंडाल से किसी भी व्यक्ति को भेजने के लिए कहा। फिर जब एक महिला मंच पर पहुंची तो पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बिना कुछ पूछे ही उनकी पूरी कुंडली बता दी।
चमत्कार का दावा नहीं करते
महाराज ने कहा कि वे कोई चमत्कार का दावा नहीं करते। रायपुर वालो, अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के फेर में कभी मत पड़ना। पाखंडियों से दूर रहना। महाराज ने लगातार तीसरे दिन फिर कहा कि जिन पाखंडियों ने मुझ पर आरोप लगाया है, वे दरबार में आएं, आजमाएं, उन्हें पानी पिला देंगे।
हनुमान भक्ति अंधविश्वास हो तो भेज दें जेल
भारत के करोड़ो लोग श्रीराम, हनुमान की भक्ति करते हैं। यदि हनुमान की भक्ति करना अंधविश्वास है तो प्रत्येक भक्त को जेल भेज दो। भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अनुच्छेद 25के तहत सभी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार प्रदान करता है। हम यदि सनातन धर्म की अलख जगा रहे तो क्या गलत कर रहे।
आरोपों पर रो पड़े महाराज
दिव्य दरबार के एक घंटे बाद कथा प्रारंभ करने के दौरान पं.शास्त्री की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि देशभर से मीडिया वाले हमें एक्सपोज करने आए थे। बालाजी ने रायपुर के गुढ़ियारी मैदान में इतिहास रच दिया। हम पर लगाए गए आरोप से हम दुखी थे, पूरी रात नहीं सो पाए, हमारी संन्यासी बाबा से लड़ाई हो गई कि हम पर लोग उंगली उठा रहे। सुबह हमें नींद लगी और बाबा ने सपने में आकर आशीष दिया कि हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। सभी कार्यकर्ता भी परेशान थे, आखिरकार चार लाख लोगों के सामने लगे दरबार में सत्य की जीत हुई।
अब नहीं देंगे परीक्षा
महाराज ने कहा कि हमने अब प्रण लिया है कि किसी को परीक्षा नहीं देंगे। बालाजी की कृपा से रायपुर की धरती से पूरे देश में संदेश गया है। हम सनातन धर्म को बचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देंगे। दरबार में चुनौती स्वीकार करके हमने मुंह तोड़ जवाब दिया है। इससे पाखंडी लोग तिलमिला गए हैं, विधर्मी लोग कुछ और तर्क निकालेंगे। हम सनातनियों को उन विधर्मियों से डरना नहीं है।