नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के दाचीगाम में गत 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के दौरान तीन आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। ये तीनों आतंकियों ने ही पहलगाम हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है।
दरअसल, ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए तीनों आतंकवादी पाकिस्तीनी नागरिक थे। इतना ही नहीं वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य भी थे। सुरक्षा बलों ने कई साक्ष्य एकत्र किए हैं, जो सिद्ध करते हैं कि मारे गए आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे।
“बरामद हुए कई सबूत”
समाचार एजेंसी एएआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बरामद हुए चॉकलेट रैपर, पाकिस्तानी आईडी कार्ड, सैटेलाइट फोन लॉग और अन्य सबूत पहलगाम हमलावरों के पाकिस्तान से जुड़े होने की पुष्टि करते हैं।
इससे पहले संसद में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को लोकसभा में कहा था कि पहली बार हमारे हाथ सरकार द्वारा जारी पाकिस्तानी दस्तावेज़ लगे हैं जो पहलगाम हमलावरों की राष्ट्रीयता को संदेह से परे साबित करते हैं।
“तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया”
जानकारी दें कि ऑपरेशन महादेव के दौरान सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादी (सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट, अबू हमजा उर्फ अफगान और यासिर उर्फ जिब्रान) को 28 जुलाई को मार गिराया।
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, ए++ लश्कर कमांडर सुलेमान शाह, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर था। हमजा और यासिर ए-ग्रेड लश्कर कमांडर थे। गोलीबारी के दौरान हमजा दूसरा बंदूकधारी था, जबकि यासिर तीसरा बंदूकधारी था जिसकी पिछली सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।