Toran Kumar reporter
रायपुर: शहर के मोवा क्षेत्र में स्थित करोड़ों रुपये की जमीन को हड़पने की नीयत रखने के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने कांग्रेस नेता आसिफ मेमन के खिलाफ अहम फैसला सुनाया है। सप्तम अपर जिला न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन ने उस जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया है। इस मामले में पीड़िता नूर बेगम की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने दो साल पहले आसिफ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था तब से वह फरार है।
न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार ई-68, ऐश्वर्या किंग्डम कचना रोड निवासी नूर बेगम (56) की मोवा में 0.704 हेक्टेयर जमीन है। इस जमीन को खरीदने का सौदा राजा तालाब निवासी युवा कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष आसिफ मेमन ने परिचित नूर बेगम से वर्ष 2018 में तीन करोड़ नौ लाख 76 हजार रुपये में तय किया। 26 जून 2018 को जमीन की रजिस्ट्री कराते समय आरोपित ने सौदे के मुताबिक तयशुदा रकम का सात चेक नूर बेगम को दिया था। बैंक में जमा करने पर सातों चेक एक-एक करके बाउंस होते गए।पीड़िता ने इसकी जानकारी देते हुए आसिफ से पूरे पैसे की मांग की तो उसने देने से साफ इन्कार कर दिया। परेशान होकर नूर बेगम न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया।
इस बीच न्यायालय के आदेश पर ही सिविल लाइन थाना पुलिस ने आसिफ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस तो दर्ज कर लिया लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं की। पिछले दो साल से वह पुलिस की फाइल में फरारी काट रहा है। उसके खिलाफ न्यायालय ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है। वहीं नूर बेगम ने कांग्रेस नेता से अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस से लिखित शिकायत भी कर चुकी हैं। मामले में सप्तम अपर जिला न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन ने नूर बेगम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आसिफ के नाम पर रजिस्ट्री हुई बेशकीमती जमीन को शून्य घोषित कर दिया।