Toran Kumar reporter
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में फरार चल रहे आरोपी ललित झा (Lalit Jha) ने सरेंडर कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने (Delhi Police) ने बताया कि संसद सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी ललित मोहन झा ने खुद थाने पहुंचकर सरेंडर किया. ललित झा इस मामले का मास्टरमाइंड है. बताया जा रहा है कि पुलिस ललित से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि ललित झा के पास ही सभी आरोपियों का मोबाइल फोन भी है. पुलिस दो दिनों से ललित झा को तलाश कर रही थी. आरोपी ललित ने ही स्मोक बम क्रैकर से पीले रंग का धुआं छोड़ने और नारेबाजी करने के दौरान नीलम-अमोल का वीडियो बना इंस्टाग्राम पर डाला था. मास्टरमाइंड ललित झा को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने NGO के संस्थापक नीलाक्ष ऐश से भी संपर्क किया था. बताया जाता है कि ललित कोलकाता स्थित एक NGO का हिस्सा है.
Parliament security breach accused, Lalit Mohan Jha came to the police station on his own. He is being interrogated: Delhi Police
— ANI (@ANI) December 14, 2023
चार आरोपी 7 दिन की रिमांड पर
इससे पहले गिरफ्तार किए गए सभी चार आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. पुलिस ने आरोपियों-मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम को NIA मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया था. आरोपियों को जब उन्हें पटियाला हाउस अदालत में पेश किया जा रहा था, तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्होंने किसके निर्देश पर सुरक्षा में सेंध लगाई? इस पर मनोरंजन ने जवाब दिया ‘किसी के कहने पर नहीं.’
UAPA के तहत मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में आतंकवाद निरोधक कानून (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने स्मोक (धुआं) बम का उपयोग करने के बाद संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी. इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे.
इन धाराओं के तहत चलेगा मुकदमा
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया संसद मार्ग थाने में UAPA की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस गुरुग्राम निवासी विशाल शर्मा उर्फ विक्की और उसकी पत्नी से भी पूछताछ कर रही है, क्योंकि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी मंगलवार रात शर्मा के आवास पर रुके थे. मालूम हो कि UAPA के तहत दर्ज मामले गैर जमानती होते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं. सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरिये संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे.
पुलिस ने बढ़ाया है जांच का दायरा
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब तक सभी आरोपियों ने दावा किया है कि उन्होंने खुद ही पूरी घटना की साजिश रची और खुद ही उसे अंजाम दे रहे थे.’ पुलिस ने बताया कि सुरक्षा चूक के मामले में कुछ और लोगों की भूमिका का संदेह है, जिससे जांच का दायरा बढ़ाया गया है.
लखनऊ में बनाए गए विशेष जूते
अदालत में बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने चारों आरोपियों पर आतंकी कृत्य में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की. पुलिस ने कहा, ‘यह संसद पर सुनियोजित हमला था.’ अभियोजन पक्ष ने कहा कि घटना के पीछे के असल मकसद को सामने लाने और यह पता लगाने के लिए कि क्या कुछ अन्य लोग भी शामिल थे, आरोपियों की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है. अदालत को बताया गया, ‘ये विशेष जूते लखनऊ में बनाए गए थे, जिनकी जांच की जानी चाहिए. उन्हें जांच के लिए मुंबई, मैसूर और लखनऊ ले जाने की जरूरत है.’
संसद हमले की बरसी के दिन हुई घटना
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया.