Train Accident Update: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे की CBI जांच क्यों है जरूरी, क्या ‘जानबूझकर’ की गई थी छेड़छाड़? जानें

Toran Kumar reporter..6.6.2023/✍️

ओडिशा के बालासोर जिले में हुए भीषण रेल हादसे की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा गया है. शुक्रवार शाम को हुए इस दर्दनाक हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई और 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw ) ने ट्रेन हादसे की CBI जांच की सिफारिश की थी.’ इन सबके बीच हादसे सी CBI जांच को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि सिस्टम में ‘जानबूझकर छेड़छाड़’ की गई थी इसलिए शुरुआती जांच के दौरान सामने आई जानकारी के बाद एक पेशेवर एजेंसी से छानबीन कराने की जरूरत है.

रेल मंत्री ने की CBI जांच की सिफारिश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को भीषण दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसमें 275 लोग मारे गए और 1200 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जब रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) पहले से ही घटना की जांच कर रहे थे, तब सीबीआई से तफ्तीश कराने पर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक अधिकारी ने संकेत दिया कि शुरुआती जांच के बाद जो चीजें सामने आई हैं, उसके मद्देनजर अधिक गहन छानबीन की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘जांच के दौरान कई जानकारियां सामने आई हैं. विभिन्न प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं, जिसके लिए एक पेशेवर जांच एजेंसी की जरूरत है.’

सीबीआई जांच की क्या है प्रक्रिया?
प्रक्रिया के अनुसार सीबीआई ओडिशा पुलिस की तरफ से 3 जून को दर्ज बालासोर जीआरपी केस नंबर-64 को अपने हाथ में लेगी. यह मामला ट्रेन हादसे के एक दिन बाद दर्ज किया गया था. यह मामला IPC की धारा 337, 338, 304ए (लापरवाही से मौत) और 34 (सामान्य मंशा) और धारा 153 (रेलवे यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने वाली गैरकानूनी और लापरवाही भरी कार्रवाई) और रेलवे अधिनियम 154 और 175 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत दर्ज किया गया था. प्रक्रिया के अनुसार, सीबीआई स्थानीय पुलिस की प्राथमिकी को अपने मामले के रूप में फिर से दर्ज कर जांच शुरू करती है. सीबीआई अपनी जांच पूरी होने के बाद दाखिल चार्जशीट में प्राथमिकी से आरोप जोड़ या हटा सकती है.

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