Toran Kumar reporter.31.3.2023/✍️
इंदौर के मंदिर में बावड़ी धंसने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है. 18 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 2 लोगों को छुट्टी दे दी गई है. 35 लोगों की मौत हो गई. एक व्यक्ति अब भी लापता है. इंदौर के डीएम ने कहा कि सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खोज और बचाव अभियान चला रही हैं. एसडीआरएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) महेश चंद्र जैन ने बताया, “हमने बचाव अभियान के दौरान बावड़ी से 12 शव निकाले हैं, जबकि एक महिला और एक पुरुष की मौत अस्पताल ले जाए जाने के बाद हुई है.” उन्होंने बताया कि बावड़ी का पानी खाली किए जाने के बाद इसकी तलहटी में पांच और शव होने की आशंका है.
जिलाधिकारी डॉ. इलैया राजा टी. ने बताया कि बृहस्पतिवार दोपहर से शुरू हुआ बचाव अभियान जारी है और बावड़ी का पानी खाली कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के तहत करीब 20 लोगों को बावड़ी से बाहर निकालकर बचाया गया.
Stepwell collapse at Indore temple | Death toll rises to 35
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 31, 2023
18 people were admitted to the hospital, out of which 2 people have been discharged. 35 people died. One person is still missing. Army, NDRF & SDRF teams are conducting search & rescue operation: Indore Collector Dr… pic.twitter.com/3Ff6VzAkXs
हादसे की मजिस्ट्रेट जांच होगी
जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर में हुए हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित करेगा, जहां इस तरह के हादसे होने की आशंका है. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “इंदौर में हुई दुर्घटना में नागरिकों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक है. ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं.
मुआवजे का ऐलान
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी. घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा चुकी है. चिकित्सा का संपूर्ण व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी.’’ अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई और इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी. रहवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था. हादसे के बाद मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे. पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी एक घंटे तक मौके पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी.