भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट केस: NIA कोर्ट ने ISIS के 7 गुर्गों को मौत की सजा सुनाई

1.3.2023✍️

एनआईए अदालत (NIA Court) ने भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन विस्फोट मामले (Bhopal-Ujjain Passenger Train Blast Case) में आईएसआईएस के सात गुर्गों को मौत की सजा (Death Penalty to 7 ISIS operatives) सुनाई है. इस विस्फोट में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वर्ष 2017 के इस मामले में एक अन्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. एनआईए की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन विस्फोट मामले में सात आईएसआईएस गुर्गों को मौत की सजा सुनाई. 2017 के मामले में एक अन्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

मौत की सजा पाने वालों में मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, अतीक मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद सैय्यद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल उर्फ रोकी शामिल हैं. मोहम्मद आतिफ उर्फ आसिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई

सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वी एस त्रिपाठी ने कहा कि यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में आता है और दोषी कड़ी से कड़ी सजा के हकदार हैं. अदालत ने आरोपियों को 24 फरवरी को दोषी ठहराया था और फैसला सुनाने के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया था. इस मामले में 31 अगस्त, 2017 को आरोपपत्र दाखिल किया गया था. आरोपपत्र में एक और आरोपी सैफुल्ला का नाम था, जो लखनऊ के दुबग्गा इलाके में एक मुठभेड़ में मारा गया था.
कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 121, 121ए, 122, 123, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18, 18ए, 18बी, 23, 38 और शस्त्र अधिनियम की 3/25/35 के तहत दोषी पाया था.

सजा को दोषियों ने दलील दी थी कि वे पहले ही पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं और इस तरह अदालत को उन्हें सजा देने में नरमी दिखानी चाहिए.दोषियों की दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषियों ने देश के खिलाफ जंग छेड़ी है और इसलिए वे किसी भी तरह की नरमी के हकदार नहीं हैं.

मृत्युदंड पाने वालों की मृत्युदंड की पुष्टि के लिए अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को केस फाइल भेज दी क्योंकि यह कानून है कि उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि के बाद ही मृत्युदंड दिया जा सकता है.

विशेष सरकारी वकील एम के सिंह और के के शर्मा के अनुसार, इस मामले में 8 मार्च, 2017 को लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एटीएस को सूचना मिली थी कि देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सदस्य विभिन्न स्थानों पर विस्फोट करने की योजना बना रहे हैं.

एटीएस की कानपुर इकाई ने पहले मोहम्मद फैसल को गिरफ्तार किया और बाद में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. राज्य के वकील ने कहा कि आरोपी ने उन्नाव में गंगा घाट पर एक परीक्षण विस्फोट किया था. जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने कानपुर-उन्नाव रेलवे ट्रैक पर बम रखा था. उन्होंने दशहरे के दौरान अलग-अलग जगहों पर बम भी रखे थे.

जांच के निष्कर्षों के अनुसार, आरोपी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और मुंबई जाना चाहता था ताकि आतंकवाद की कार्रवाई की जा सके. इस मामले में 31 अगस्त, 2017 को चार्जशीट दाखिल की गई थी. चार्जशीट में एक और आरोपी सैफुल्ला का नाम था, लेकिन वह लखनऊ के दुबग्गा इलाके में एक मुठभेड़ में मारा गया.

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