Coronavirus In China: कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन के बीजिंग और शंघाई सहित प्रमुख शहरों के अस्पताल में मरीजों के लिए जगह नहीं बची है और शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतारें लगी हैं. सभी मुर्दाघर भरे पड़े हैं. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि चीन में कोरोना से हालात बेकाबू हो चुके हैं. अस्पपालों में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं डॉक्टरों की कमी है. कुछ वीडियोज जारी किए गए हैं जो दिल को दहला रहे हैं.
अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब
महामारी विज्ञानी और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग, एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए कथित तौर पर एक अस्पताल में लाशों को कतार में लगा हुआ दिखाया है और लिखा है “अस्पताल के मुर्दाघरों में जगह नहीं है, बुखार की दवाओं की कमी, ऑक्सीजन टैंक खाली, अस्पताल में मरीजों की भीड़, खून की कमी, बुजुर्गों के बीच बढ़ती मृत्यु, बहुत सारे बॉडी बैग्स – यहां तक कि बीजिंग के एक शीर्ष अस्पताल में भी स्थिति बिगड़ रही है #COVID19 का अभी आना बाकी है, लेकिन सरकार अभी भी मौतों के आंकड़े जारी नहीं कर रही, यहां 0 आधिकारिक मौतें हैं
Here is the video of the hospital morgue pic.twitter.com/Ur1PKOYEcI
— Wang Xiangwei (@wangxiangweihk) December 22, 2022
लेकिन ये वीडियो सरकार को झूठा साबित कर रहे है. चीन की सरकार कोविड-19 की स्थिति को लेकर जानकारियां शेयर नहीं कर रही है. आज के वीडियो को शेयर करते हुए एरिक ने लिखा “और मैं लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि बीजिंग में कुछ बेहतरीन अस्पताल हैं और फिर भी, इस ए ग्रेड के अस्पताल के आईसीयू में, बेड और ऑक्सीजन नहीं
My latest #ThoughtofDayonChina: Fever meds in short supply, hospitals overwhelmed, blood shortage, death tolls soaring among the elderly, morgues overflown with body bags –Why China has a man-made crisis after "sudden reopening"https://t.co/j3y7I0z2nh pic.twitter.com/Hml9eLLChl
— Wang Xiangwei (@wangxiangweihk) December 22, 2022
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, डोंगगुआन में, स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि 22 दिसंबर तक, 2,528 स्वास्थ्य कर्मचारी बुखार या कोविड परीक्षण पॉजिटिव होने के बावजूद अभी भी काम कर रहे थे.
छोटे शहरों-कस्बों में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा
चीन अभी अपनी पहली राष्ट्रीय स्तर पर कोविड लहर से जूझ रहा है, जबकि बीजिंग के दक्षिण-पश्चिम में छोटे शहरों और कस्बों में आपातकालीन वार्ड की हालत खराब है. एंबुलेंस नहीं मिल रहे हैं. बीमार लोगों के रिश्तेदार अस्पताल में बेड की तलाश कर रहे हैं और मरीजों को अस्पताल के गलियारों में बेंचों पर लिटा दिया जा रहा है, इतना ही नहीं जगह की कमी के कारण मरीजों को फर्श पर लेटा दिया जाता है.