पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 और 10 के लिए अयोग्य उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए 40 से अधिक ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (OMR) शीट में हेरफेर किए जाने की बात सामने आई है. सीबीआई ने छेड़छाड़ की गई 50 ओएमआर शीट बरामद की है. मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा आयोजित ग्राउंड-डी स्टाफ लिखित परीक्षा से जुड़ा है.
ओएमआर शीट की जांच के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने कुछ ऐसे तथ्य पाए, जो सरकारी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षकों के लिए ओएमआर शीट में पाई गई अनियमितताओं से ज्यादा आश्चर्यजनक थे. वास्तविक उत्तर पुस्तिकाओं के अनुसार, उन सभी ने शून्य अंक प्राप्त किए, लेकिन बाद में सभी के लिए अंक बढ़ाकर 43 कर दिए गए.
सूत्रों के अनुसार, ग्रुप-डी स्टाफ उम्मीदवारों के लिए OMR शीट की जांच से सामने आया कि लिखित परीक्षा में शून्य स्कोर करने के बावजूद कई उम्मीदवार अंतिम मेरिट सूची में शीर्ष स्थान पर रहे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ दस जिलों में की गई छानबीन से पता चला कि 50 ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई थी. जांच अधिकारी जब अन्य जिलों में ओएमआर शीट की जांच करेंगे, तो ऐसी कई अनियमितताएं सामने आ सकती हैं.
सीबीआई के उप महानिरीक्षक और राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) के नव-नियुक्त प्रमुख अश्विन सेनवी ने 5 दिसंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट को सूचित किया था कि आयोग द्वारा सभी श्रेणियों में अवैध रूप से कुल 21,000 उम्मीदवारों की भर्ती की गई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि भर्ती के मुख्य पैनल से लेकर प्रतीक्षा सूची तक भ्रष्टाचार के सबूत हर जगह थे. सेनवी ने कहा, नवंबर 2021 में रैंक-जंपिंग के आरोपों के आधार पर जांच शुरू हुई, लेकिन हार्ड डिस्क बरामद होने पर ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ का मुद्दा सामने आया है.