जाते साल का आखिरी महीना सिनेमा के लिहाज से अच्छा शुरू हुआ है। पुराने फॉर्मूलों पर अटके फिल्मकारों को ये नए सबक सिखा रहा है और नए दौर के नए तरह के सिनेमा को बनाने वालों को ये ओटीटी पर मौजूद दर्शकों का भरपूर प्यार दिला रहा है।
जाते साल का आखिरी महीना सिनेमा के लिहाज से अच्छा शुरू हुआ है। पुराने फॉर्मूलों पर अटके फिल्मकारों को ये नए सबक सिखा रहा है और नए दौर के नए तरह के सिनेमा को बनाने वालों को ये ओटीटी पर मौजूद दर्शकों का भरपूर प्यार दिला रहा है।