अंतिम वायसराय का प्रस्थान : भारत-पाकिस्तान विभाजन और ब्रिटिश हितों की वजह से यूं उलझती गई कश्मीर की कहानीLatest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala

चौहत्तर साल पहले 21 जून, 1948 को लार्ड माउंटबेटन के पालम एयरपोर्ट से इंग्लैंड रवाना होने के साथ हमारी गुलामी का वह आखिरी चिराग भी बुझ गया, जिसे हमारे नेताओं ने खुद बड़े जतन से जला रखा था। वे रोके क्यों गए थे?

Leave a Reply