इंदौर से कटनी जाते समय नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से रहस्यमयी तरीके से गायब हुई अर्चना तिवारी का आखिरकार 12 दिनों बाद सुराग मिल गया। भोपाल की रानी कमलापति थाना जीआरपी ने बड़ी सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से, जो नेपाल सीमा के पास स्थित है,अर्चना तिवारी को बरामद कर लिया गया है। अब इस केस में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। GRP पुलिस ने बताया कि गायब होने का यह पूरा प्लान अर्चना का ही था।
अर्चना तिवारी रक्षाबंधन के लिए 7 अगस्त की रात इंदौर से कटनी जा रही थीं। सीसीटीवी में हॉस्टल से वो निकलते दिखी थी, उस वक्त वो फोन पर बात करती हुई नजर आई थी। वहां से निकलकर वो नर्मदा एक्सप्रेस में एसी बी3 कोच में बैठी, सीट नंबर 3 पर उसका सामान भी मिला लेकिन अर्चना नहीं मिली। अपने घर कटनी पहुंचने से पहले ही वो रहस्यमयी तरीके से ट्रेन से लापता हो गई थीं।
ट्रेन से गायब हो गई थी अर्चना तिवारी
अर्चना मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में प्रैक्टिसिंग वकील हैं और सिविल जज परीक्षा की तैयारी भी कर रही हैं। उनकी आखिरी लोकेशन इटारसी स्टेशन पर मिला थी, जिसके बाद उनका मोबाइल फोन बंद हो गया और उनसे संपर्क नहीं हो सका। जीआरपी पुलिस ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल की टीमें इस मामले को सुलाझाने में एड़ी-चोटी का जोर लगाई थी। युवती की तलाश में विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
अर्चना ने खुद रची थी गायब होने की साजिश
अब GRP पुलिस ने इस केस में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि अर्चना ने गायब होने का प्लान खुद ही बनाया था। उस रात वो इटारसी के आउटर में ट्रेन से उतरी थी। फिर इटारसी से शुजालपुर होते हुए इंदौर गई थी। इसके बाद इंदौर से नेपाल के लिए रवाना हुई थी। पुलिस ने बताया कि अर्चना इंदौर के एक युवक के साथ काठमांडू घूमने गई थी।
एक गलती से पुलिस को मिल गई सुराग
GRP पुलिस आज, बुधवार को इस केस से जुड़ी कई और बड़े खुलासे करेगी। पुलिस ने बताया कि अर्चना ने अपने लापता होने की स्क्रिप्ट खुद ही लिखी थी। मगर परिजन के पास फोन लगाकर उसने गलती कर दी। एक कॉल पुलिस को उसके पास पहुंचाने का रास्ते दिखा दी। पुलिस ने तुरंत उसके लोकेशन ट्रैक किया जो लखीमपुर खीरी के पास मिली। GRP पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और अर्चना तिवारी को बरामद कर लिया।