Toran Kumar reporter

नारायणपुर, छत्तीसगढ़ | आईजी बस्तर पी सुंदरराज कहते हैं, 21 मई को… माकपा महासचिव, पोलित ब्यूरो सदस्य और माओवादी गिरोह के पूरे नेता, जिस पर करोड़ों का इनाम था, 26 अन्य माओवादियों के साथ मारा गया। माओवादियों ने इन मौतों की बात स्वीकार की और यह भी कहा कि वे माओवादी नीलेश यादव का शव अपने साथ ले गए… इससे साबित होता है कि स्थानीय माओवादी कैडर बाहरी माओवादी नेताओं को बचाने के लिए तैयार नहीं हैं, और जब भी उन्हें मौका मिलता है वे भाग निकलते हैं… आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के माओवादी स्थानीय माओवादियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं… उनके पास अभी भी समय है, उन्हें हिंसा बंद कर मुख्यधारा में आ जाना चाहिए। हम उन्हें स्वीकार करेंगे और उनका पुनर्वास करेंगे। वे सामान्य जीवन जी सकेंगे…”