Toran Kumar reporter

घटना के बाद पत्रकार संगठनों और आम लोगों में भारी आक्रोश था। पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों को कड़ा संदेश देने वाली है। एएसपी लखन पटले ने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
घटना तब और बिगड़ी जब बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचे और पत्रकारों को धमकाने लगे। पुलिस ने अस्पताल के गेट पर ही पत्रकारों को रोक लिया। पत्रकारों ने बाउंसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की और कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया।
आधी रात को बड़ी संख्या में पत्रकार मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। SSP डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह भी वहां पहुंचे। इसी दौरान अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर भी पहुंचे और मीडियाकर्मियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा के लिए लागू कॉल मी सर्विस के टेंडर को निरस्त करने की अनुशंसा सरकार को की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।
मौदहापारा थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके घर से पिस्तौल और गोलियां भी बरामद की गई हैं।
इस घटना पर रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार और नेता श्री चंद्राकर ने कहा कि मरीज हो या पत्रकार, किसी के साथ दुर्व्यवहार स्वीकार्य नहीं। पत्रकारों की भूमिका व्यवस्था में पारदर्शिता लाने वाली होती है, इसलिए उनका सम्मान होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे ऐसी घटनाएं न हों।
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरकारी अस्पताल में पत्रकारों के साथ हिंसा बेहद चिंता का विषय है। वे पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़े हैं और उनकी सुरक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाते रहेंगे।