Toran Kumar reporter
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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य और वरिष्ठ वकील वीरेंद्र वशिष्ठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को पत्र लिखकर अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय प्रवासियों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई है. पत्र में कहा गया है कि हाल ही में अमेरिका से भारत भेजे गए भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर एक अमेरिकी सैन्य विमान से लाया गया. यह तरीका केवल खतरनाक अपराधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है.
वकील ने अपने पत्र में कहा कि निर्वासित भारतीयों को पूरे सफर के दौरान हथकड़ी और बेड़ियों में रखा गया, मानो वे अपराधी हों, जबकि उनका एकमात्र अपराध अवैध प्रवास था. इस तरह की कठोर प्रक्रिया से लोगों को शारीरिक दर्द, मानसिक आघात और भावनात्मक तनाव बढ़ा. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार नियमों के अनुसार, गैर-हिंसक व्यक्तियों पर इस प्रकार का बल प्रयोग अवैध है. बिना किसी सुरक्षा खतरे के, निर्वासित लोगों को हथकड़ी और बेड़ियों में रखना अपमानजनक, अमानवीय और असंगत था.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि NHRC इस मामले की गहन जांच करे और प्रभावित लोगों के अनुभवों का दस्तावेजीकरण करे. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय से आग्रह किया जाए कि वह इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाए और जवाबदेही तय करे. भारत लौटे लोगों को उचित चिकित्सा और मानसिक सहायता दी जाए. मानवाधिकार संगठनों के सामने इस मुद्दे को उठाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.
वीरेंद्र वशिष्ठ ने NHRC से तत्काल हस्तक्षेप करने और भारतीय नागरिकों के सम्मान की रक्षा करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि गैर-हिंसक निर्वासित लोगों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर रखना अस्वीकार्य है और इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए.
बुधवार को डिपोर्ट होकर भारत लौटे 104 लोग
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस क्रम में बुधवार को 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान भारत पहुंचा. यह ट्रंप सरकार द्वारा भारतीयों को वापस भेजने का पहला जत्था है. निर्वासित लोगों में हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं. भारत पहुंचे लोगों ने दावा किया कि उन्हें पूरे रास्ते हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर रखा गया