MP:अंकिता राठौर और हसनैन की शादी को रोकने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ.. हिंदू संगठन ने की भगवान से प्रार्थना, पोस्टर में लिखे ऐसे स्लोगन

Toran Kumar reporter

जबलपुर के सिहोरा के रहने वाले हसनैन अंसारी और इंदौर की अंकिता की शादी मामला लगातार सुर्खियों में चल रहा है। कोर्ट से शादी की परमिशन के बाद हाल ही में दोनों (Jabalpur Love Marriage Controversy) को पुलिस की सुरक्षा दी गई है।

इसी बीच अब दोनों की शादी रोकने के लिए यज्ञ किया जा रहा है। शिव मंदिर में हिंदू संगठन ने सद्बुद्धि यज्ञ कर भगवान से दोनों की शादी रोकने की प्रार्थना की है। इस दौरान वे हाथों में बैनर पोस्टर लिए हैं।

हिंदू संगठन ने इंदौर में सद्बुद्धि यज्ञ (Jabalpur Love Marriage Controversy) किया। इस दौरान उनके हाथों में पोस्टर नजर आए, जिनमें लिखे नारों ने लोगों का ध्यान अपनी ओंर खींच लिया है। इन पोस्टर्स में ‘जिहादी से बचाना है अंकिता को घर लाना है’, ‘अंकिता की घर वापसी हर हाल में करवाना है’, ‘फिर नहीं होने देंगे हिंदू बेटियों के 40 टुकड़े’, ‘अंकिता घर लौट आओ, ये जिहादी हैं, ‘अंकिता, ये प्रेम नहीं, लव जिहाद है’, जैसे नारे लिखे हुए हैं।

लड़की को नारी निकेतन में रखने का आदेश

युवती के द्वारा स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी (Jabalpur Love Marriage Controversy) का आवेदन देने के बाद लड़की और लड़के ने सुरक्षा की मांगी की थी। इस मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग हुई थी। इसमें कोर्ट ने लड़की को कड़ी सुरक्षा के साथ 11 नवंबर तक शास्त्री ब्रिज स्थित राजकुमारी बाई बाल नारी निकेतन में रखने का आदेश दिया है। वहीं लड़के को फिलहाल किसी अज्ञात स्थान में रखने और स्थिति अनुकूल होने पर उसके घर भेजने के निर्देश दिए।

12 नवंबर तक विचार करे युवती

हाईकोर्ट ने युवती को शादी के बारे में सोचने के लिए 12 नवंबर तक का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि 12 नवंबर को युवती को नारी निकेतन से मैरिज रजिस्ट्रार के यहां लाया जाए। बता दें लड़की ने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा था कि यह उसका निजी मामला है। लोग जबरन इसमें दखल दे रहे हैं। यदि उसे कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार वे सभी संगठन होंगे जो इस मामले को तूल दे रहे हैं।

लड़की के माता पिता बोले बेटी का ब्रेनवॉश किया

युवती के पिता हीरालाल राठौर की ओर से अधिवक्ता जीपी सिंह ने कहा कि युवक ने लड़की का ब्रेनवॉश कर दिया है। उसे लव जिहाद के तहत निशाना बनाया गया है। युवती को उसके परिवार वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह दलील भी दी गई कि मुस्लिम लॉ के तहत मूर्तिपूजा या अग्नि की पूजा करने वाले से शादी अवैध कहलाती है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को अपने निजी जीवन के संबंध में फैसला लेने का अधिकार है।

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