भरी अदालत, कटघरे में मुल्जिम और ताबड़तोड़ 7 गोलियां… जब एक मां ने बेटी के गुनहगार को सरेआम दी सजा-ए-मौत !!”हिल गया था सिस्टम”video

सात साल की बेटी की हत्या का था मामला,
कार्डबोर्ड बॉक्स में भरकर फेंकी थी लाश,
कोर्ट में आरोपी ने बेटी पर ही लगाया आरोप”]

“मैरिएन बाकमायर को कोर्ट ने 6 साल की सजा सुनाई, लेकिन 3 साल बाद रिहा कर दिया गया”

ये एक ऐसा मामला था, जिसमें सिस्टम से दुखी होकर मैरिएन बाकमायर नाम की एक मां ने भरी अदालत में अपनी बेटी की हत्या का बदला लिया। उसने अपनी बेटी का यौन शोषण और उसकी हत्या करने वाले ग्रैबोस्की पर सात गोलियां चलाई। बाद में कोर्ट ने इस मां को 6 साल की सजा सुनाई लेकिन 3 साल बाद ही रिहा कर दिया !!

Marianne Bachmeier Video : अदालत की कार्यवाही शुरू होने वाली थी, वकील जज के सामने अपना पक्ष रखने के लिए तैयार थे। आरोपी भी कटघरे में पहुंच चुका था। तभी एक महिला कोर्टरूम में पहुंची और आरोपी पर गोलियों की बारिश कर दी।

इस हमले में आरोपी मारा गया और इसके बाद भी महिला ने वहां से भागने की भी कोशिश नहीं की। उसे पुलिसवालों ने पकड़ लिया। महिला के चेहरे पर एक असीम शांति थी। आखिर महिला ने ऐसा क्यों किया? इस हत्या के बाद महिला लोगों के बीच में ‘हीरो’ क्यों बन गई? आइये जानते हैं।

महिला का नाम था मैरिएन बाकमीयर, ये जर्मनी के ल्यूबेक की रहने वाली थी। मैरिएन बाकमीयर जर्मनी के लोअर सैक्सोनी में हिल्डेशाइम के छोटे से शहर सारस्टेड में पली बढ़ीं। मैरिएन के पिता बहुत शराब पीते थे और शराब पीने से वह आक्रामक हो जाते थे। मैरिएन के साथ भी हिंसक व्यवहार हुआ। पिता के आक्रामक रवैये के चलते उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। मां ने दूसरी शादी की और फिर मैरिएन को घर घर से बाहर निकाल दिया।

16 साल की उम्र में प्रेग्नेंट, 19 में शादी
16 साल की उम्र में ही मैरिएन बाकमीयर प्रेग्नेंट हो गई थी और दो बच्चों को जन्म दिया। बच्चों को रखने और पालन पोषण के लिए पैसा नहीं था तो बच्चों को किसी को दे दिया। इसके बाद 19 साल की उम्र में एक शख्स से उनकी मुलाकात हुई और दोनों ने शादी की। शादी के बाद एक बेटी हुई। इसका नाम ऐना रखा गया। इसके बाद पति से तलाक हो गया तो ऐना ही उसकी जिंदगी के लिए सबकुछ थी।
मैरिएन अकेली थी, वह काम पर भी जाती थी। ऐसे में बेटी ऐना को अक्सर घर में अकेला रहना पड़ता था। वह सात साल की थी, अक्सर पड़ोस के घर में खेलने जाती थी लेकिन एक दिन जब वह गई तो वह वापस ही नहीं आई। ये तारिख थी 7 मई 1980। जब मैरिएन लौट कर आई तो ऐना घर में नहीं मिली। तलाश के बाद भी कुछ पता नहीं चला। अंत में उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पुलिस भी तलाशती रही लेकिन कुछ पता नहीं चला।

पकड़ा गया शख्स, गुनाह कबूला
इसी बीच पुलिस को एक शख्स ने जानकारी दी और एक शख्स पर शक जताया। यह शख्स पहले यौन शोषण के मामले में जेल जा चुका था। पुलिस ने इस शख्स को उठाया और पूछताछ की। शुरुआत में तो वह घुमाने की कोशिश कर रहा था लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने सबकुछ बता दिया। उसने बताया कि उसने बच्ची के दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया है।
मामला कोर्ट में गया लेकिन यहां वह बदल गया। खुद को नपुंसक बताने लगा। कई बार कोर्ट में सुनवाई हुई और हर बार ऐना की मां मैरिएन वहां जाती थीं। मैरिएन को लगा कि आरोपी कोर्ट को गुमराह कर रहा है और वह बच निकल सकता है। ऐसे में 6 मार्च, 1981 की तारीख को मैरिएन इंसाफ के लिए खुद को तैयार कर कोर्ट रूम में पहुंच गईं। इसके बाद कोर्ट रूम थर्रा गया

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