धमतरी: भीषण गर्मी के पहले ही प्रदेश और धमतरी के सबसे बड़े बांध की हालत पतली हो गई है। 32 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध में मौजूदा वक्त में सिर्फ 7 टीएमसी उपयोगी जल है। इस बांध से भिलाई स्टील प्लांट और पेयजल के लिए धमतरी सहित रायपुर, दुर्ग और अन्य जिलों को पानी जाता है। ऐसे में गर्मी के दिनों में निस्तारी और पेयजल के लिए समस्या उत्पन्न होने की संभावना बन गई है। ऐसे में गर्मी के दिनों में गांवों में तालाबों को भरने और नहर में निस्तारी पानी मिलेगा या नहीं इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल, प्रदेश के सबसे बड़े गंगरेल बांध खुद इन दिनों पानी के लिए तरस रहा है। बीते साल कम बारिश होने की वजह से गंगरेल सहित धमतरी के सोंढूर,माडमसिल्ली और दुधावा बांध नही भर पाए थे जिसके कारण से गंगरेल सहित जिले के सभी बांधों की स्थिति काफी खराब है। ऐसे में भीषण गर्मी के समय लोगों को जल संकट से जूझना पड़ सकता है। गौरतलब है कि धमतरी और रायपुर शहर की जनता की पेयजल की जरूरतों की पूर्ति के लिए बांध में हर साल करीब 3 टीएमसी पानी आरक्षित रखा जाता है। इसके साथ ही भिलाई स्टील प्लांट को अलग से पानी जाता है।
गौरतलब है कि जिले में 1.5 मीटर भू-जल स्तर नीचे गिरने से पांच सौ से ज्यादा नल बंद हो चुके हैं जिसके कारण से कलेक्टर ने पहले ही जिले में बोर खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बहरहाल जिला बांधों की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने लोगों से पानी की बर्बादी नहीं करने की अपील कर रही है। साथ ही किसानों को कहना है कि गर्मी सीजन में धान के बजाय खेतों में दलहन तिलहन का फसल लें जिससे पानी को बचाया जा सकें।