नासिक : Raj Thackeray on Maratha Reservation : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे को बोला था कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा और समुदाय को झूठे वादों के झांसे में नहीं आना चाहिए। पार्टी के 18वें स्थापना दिवस के मौके पर नासिक में आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा कि अगर एक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलता है तो सभी समुदाय भी ऐसी ही मांग करेंगे।
अरबी समुद्रातील शिवस्मारकाचं काय झालं ? जलपूजन केलं, निवडणुका झाल्या, महाराजांच्या नावावर मतं मिळवून झाली आणि आता कुणीही शिवस्मारकाबद्दल अवाक्षरही काढत नाही.
— Raj Thackeray (@RajThackeray) March 9, 2024
अहो, हजारो कोटी रु. पुतळ्यांवर खर्च करण्यापेक्षा शिवछत्रपतींच्या पदस्पर्शाने पावन झालेल्या गडकिल्ल्यांच्या डागडुजीवर खर्च… pic.twitter.com/zSK8qVwLSe
ठाकरे ने कहा, ‘‘जब मैं जरांगे से मिला तो मैंने उनसे कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण देना तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा। इसके लिए लोकसभा की मंजूरी जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह मुद्दा केवल मराठों का नहीं है, बल्कि हर राज्य के समुदायों का है। अगर एक समुदाय को आरक्षण मिलेगा तो सभी समुदाय इसी तरह की मांग करेंगे। मैं मराठा भाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे झूठे वादों के झांसे में न आएं।’’ मनसे प्रमुख ने कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति बाद में तय करेगी और वह नौ अप्रैल को पार्टी की गुड़ी पड़वा बैठक के दौरान इस बारे में ज्यादा जानकारी साझा करेंगे।
मराठा आरक्षणावरून राजकीय नेत्यांचं निव्वळ राजकारण सुरु आहे. राज्यपातळीवर हा प्रश्न सुटणार नाही, आणि केंद्राने जर मराठा आरक्षण द्यायचं ठरवलं तर त्यांना प्रत्येक राज्यातील आरक्षणाची मागणी पूर्ण करावी लागेल, जे ह्या नेत्यांना राजकीयदृष्ट्या अडचणीचं ठरेल म्हणून हा प्रश्न रखडवत ठेवला… pic.twitter.com/d7zFWrrZqm
— Raj Thackeray (@RajThackeray) March 9, 2024
उन्होंने कहा, ‘‘ नरेंद्र मोदी को सफलता रातोरात नहीं मिली। जनसंघ की स्थापना 1952 में हुई और 1980 में यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बन गई। अटल जी की पहली सरकार भी सिर्फ 13 दिन चली, उसके बाद 13 माह और फिर साढ़े चार साल तक उन्होंने सत्ता संभाली। बाद में कांग्रेस ने 10 साल तक शासन किया और अब भाजपा 10 साल से सत्ता में है। ’’
मला दुसऱ्यांची पोरं कडेवर घेऊन फिरायची नाहीत. माझ्या पक्षातील निष्ठावंत सहकाऱ्यांना मोठं करायचं आहे. निवडून येणाऱ्या माणसांची मोळी बांधायची नाही ! #मनसे_वर्धापनदिन pic.twitter.com/mydhoErh0C
— Raj Thackeray (@RajThackeray) March 9, 2024
ठाकरे ने कहा, ‘‘ अपने स्पष्ट, ईमानदार रुख से हमें भी सफलता अवश्य मिलेगी, लेकिन धैर्य रखना होगा।’’ ठाकरे ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के निर्माण को लेकर भी बात की। उन्होंने संरचनाओं के जीर्णोद्धार का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘ यह मुद्दा कांग्रेस सरकार के समय से ही लंबित है। भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी आए, लेकिन परियोजना पर काम पूरा नहीं हो सका है। उस समय भी मैंने कहा था कि यह असंभव है क्योंकि समुद्र में एक मूर्ति स्थापित करने में 25 से 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। शिवाजी महाराज के असली स्मारक उनके बनाये किले हैं।’’
हे असं-असं म्हणाले तुम्हाला काय वाटतं ? तुमची रणनीती काय? लढाईची रणनीती जाहीर कोण सांगतं का… ती थेट रणभूमीवर वापरली जाते. पण अभ्यास न करता वाट्टेल ते प्रश्न जेव्हा पत्रकार परिषदांमध्ये विचारले जातात त्या काही उथळ पत्रकारांमुळे पत्रकारितेचा स्तर खाली घसरतो आहे. pic.twitter.com/T9587ga1YP
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