UP में कानपुर के पनकी स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर परिसर में भीख मांगकर गुज़ारा करने वाली एक मां की दुनिया पल भर में उजड़ गई, जब उसका 4 माह का मासूम बेटा चोरी हो गया। मंदिर की सीढ़ियों पर बैठी मां को जब तक बच्चे के ग़ायब होने का एहसास हुआ, तब तक शातिर उसे इंसानी संवेदना से परे बाज़ार का सौदा बना चुके थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि एक सुनियोजित साज़िश के तहत शातिर पति-पत्नी ने मंदिर से बच्चे को उठाया और उसे 5 लाख रुपये में एक नि:संतान दंपति को बेचने की पूरी डील तय कर दी थी। आरोपियों का मक़सद महज़ पैसा कमाना था, लेकिन इस पाप ने उस मां की कोख तो छलनी की ही, समाज के ज़मीर पर भी गहरा घाव छोड़ दिया।
ममता की चीख बन गई मंदिर की गूंज…
पीड़ित मां के मुताबिक, वह रोज़ की तरह मंदिर में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं से भीख मांग रही थी। बेटा उसकी गोद में चैन की नींद सो रहा था। मां की आंख से छलके आंसू उसकी रोज़मर्रा की मजबूरी भले बयां करते हों, लेकिन बेटे की नींद में छिपी मासूमियत उसके जीवन की एकमात्र पूंजी थी।
लेकिन अंधविश्वास की आस्था के बीच अंधे लालच ने मासूम को उठा लिया।
जब मां को उसका बेटा न मिला, तो उसकी पुकार मंदिर की चौखट से निकलकर सीधे पुलिस तक जा पहुँची। उसकी आवाज़ में मां का दर्द नहीं… एक टूटती हुई सांस की दहशत थी।
“वो मेरा सहारा था… मैंने दुनिया नहीं देखी, बस उसे देखा था…”
कहते-कहते मां फूट-फूट कर रो पड़ी।
पुलिस की फुर्ती से बचा बच्चा, सौदा होने से पहले पकड़े गए आरोपी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय मुखबिर और ऑटो यूनियन नेटवर्क को सक्रिय किया। जांच में बच्चा चोरी कराने वाले ऑटो चालक जितेंद्र और उसकी पत्नी गीता, साथ ही बच्चे को खरीदने वाले सचिन और गरिमा का नाम सामने आया।
पुलिस ने बिजली-सी तेज़ी से कार्रवाई करते हुए सौदा पूरा होने से पहले ही चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया, जिसने शायद अपने बचपन में ही दुनिया की सबसे अंधेरी सच्चाई देख ली थी—लेकिन किस्मत की रोशनी बनकर पुलिस समय पर पहुँच गई।

