आम्रपाली: 3 अफसर सस्‍पेंड, कई पर ED की जांच

आम्रपाली: 3 अफसर सस्‍पेंड, कई पर ED की जांच

श्‍यामवीर, ग्रेटर नोएडा
आम्रपाली बिल्डर पर मेहरबान रहे ग्रेनो अथॉरिटी के तीन अधिकारियों को बुधवार देर शाम सस्पेंड कर दिया गया। आरोप है कि इन्होंने आम्रपाली से बकाया वसूलने में लापरवाही बरती। इस समय बिल्डर पर अथॉरिटी का 3600 करोड़ रुपये का बकाया है। बिल्डर डिफॉल्टर हो चुका है और डूबी रकम मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस मामले में शासन के निर्देश पर 8 अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी है।

इस बीच ईडी की जांच में भी कई ऐसे अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिनको बिल्डर ने मार्केट रेट से बेहद कम दामों पर फ्लैट दिए गए। ऐसे में कई अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में भी आ सकते हैं। जांच में में तैनात रहे तत्कालीन एसीईओ, एक महिला प्रबंधक व छह अन्य कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। अथॉरिटी से रिटायर हुए तत्कालीन एसीईओ एवं पीसीएस अधिकारी हरीश कुमार वर्मा के मामले में शासन का नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग कार्रवाई करेगा।

अफसरों ने नहीं वसूला बकाया
इनके अलावा बिल्डर विभाग में प्रबंधक पद पर तैनात रहे अरविंद मोहन सिंह, मैनेजर स्नेहलता, मैनेजर मनोज कुमार, श्याम सुंदर, नंदन प्रसाद आर्य, शशि कुमार और वैयक्तिक सहायक कैलाश चंद को गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना गया है। इनमें से तीन को सस्पेंड कर दिया गया है। अन्य पर भी जल्द कार्रवाई होगी। आम्रपाली बिल्डर को ग्रेटर नोएडा व ग्रेनो वेस्ट में सात प्रॉजेक्टों के लिए जमीन आवंटित की थी। मूलधन और ब्याज मिलाकर इस पर करीब 3600 करोड़ रुपये का बकाया है। आरोप है कि अधिकारियों ने इसे वसूलने की कोशिश नहीं की। साथ ही समय-समय पर सबलीज की भी अनुमति दी गई। अब सुप्रीम कोर्ट भी वसूली न करने की बात कह चुका है। बिल्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

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