अवैध बसों का काला खेल, दुर्घटनाओं का कौन जिम्मेदार

हरदोई
यूपी के हरदोई जिले में अवैध रूप से चल रहीं दर्जनों डग्गामार बसों पर परिवहन विभाग रोक नहीं लगा पा रहा है, जिसके चलते हर महीने लाखों के सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है। इस मामले में रोडवेज प्रबंधन की तरफ से उप संभागीय परिवहन अधिकारी को कई पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी अवैध बसों पर कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।

दरअसल हरदोई डिपो के सामने ही कई प्राइवेट व अवैध रूप से चल रहीं बसें सवारियां बैठा लेती हैं। चूंकि इन बसों का किराया रोडवेज से कुछ कम होता है इसलिए बहुत से लोग इन बसों पर बैठ लेते हैं। इसके कारण रोडवेज को सवारी कम मिलती हैं।

एक किलोमीटर परिधि में नहीं होने चाहिएएआरएम आर बी यादव ने बताया कि नियमतः रोडवेज बस अड्डे से एक किलोमीटर परिधि के अंदर कोई प्राइवेट बस अड्डा नहीं होना चाहिए लेकिन यहां ऐसा नहीं है। रोडवेज बस अड्डे के आधा किलोमीटर के अंदर ही छह प्राइवेट बस अड्डे चल रहे हैं। जिनमें लखनऊ,उन्नाव-कानपुर, सीतापुर, हरपालपुर, पिहानी और शाहजहांपुर हैं।

दिल्ली रूट पर चल रहे डग्गामार डबल डेकरसबसे ज्यादा अवैध संचालन दिल्ली रूट पर होता है, शहर के अलावा हरपालपुर, बावन, शाहाबाद, बिलग्राम, पाली से कई अवैध रूप से चल रही हैं। इनमें कई डबल डेकर बसें भी हैं। यह बसें निर्धारित संख्या से ज्यादा सवारियां बैठालकर चलती हैं। साथ ही इनके ड्राइवर भी ज्यादा प्रशिक्षित नहीं होते जिससे आये दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।

दिल्ली तक जाती रास्ते में कहीं नहीं रोकी जातींहैरान करने वाली बात यह भी है कि अवैध रूप से चल रहीं बसें दिल्ली तक सवारियां ढो रही हैं। ये बसें कई जिलों से होकर गुजरती हैं लेकिन कहीं भी इनको रोका नहीं जाता है। इससे स्पष्ट है कि हर जिले में अधिकारी इनको खुली छूट देते हैं।

नो एंट्री के बावजूद धड़ल्ले से प्रवेश करती बसेंशहर में सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक भारी वाहनों की नो एंट्री लागू है। लेकिन इसकी भी अनदेखी की जा रही है। नगर के अंदर सात बस अड्डे चल रहे हैं। इन अड्डों की बसें नगर में नो एंट्री की परवाह न करते हुए नगर में धड़ल्ले से प्रवेश करती हैं।

सड़क की फुटपाथ पर खड़ी होती बसेंप्राइवेट बस संचालक अपनी बसों को शहर की फुटपाथ के दोनों ओर खड़ा करते हैं जिससे पैदल चलने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है साथ ही जाम की समस्या भी बन जाती है।

रोडवेज प्रबंधन ने लिखे पत्र लिखे, पर नहीं हुई प्रभावी कार्रवाईअवैध रूप से चल रही बसों व उसके चलते डिपो को हो रहे राजस्व के नुकसान को देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने आस-पास चल रहे प्राइवेट बस अड्डों को हटवाने व अवैध रूप चल रहीं बसों पर लगाम लगाने के लिए उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन/प्रवर्तन को डेढ़ वर्ष में एक दो नहीं बल्कि डेढ़ दर्जन से ज्यादा बार पत्र लिखकर इन अवैध बसों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। लेकिन परिवहन विभाग द्वारा कभी भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई यह जरूर है जब डीएम द्वारा पेच कसे जाते हैं तब एक दो बसों को सीज कर विभाग सो जाता है।

एआरएम आर बी यादव ने बताया कि उन्होंने उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन/प्रवर्तन को 25 फरवरी सन 2019 से 17 जुलाई सन 2020 तक 12 बार पत्र लिखकर अवैध रूप से चल रहीं बसों पर कार्रवाई के लिए लिखा। इसमें दो बार आरएम ने भी पत्र लिखे लेकिन कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इसी के चलते अवैध बसों का संचालन लगातार जारी है।

अपनी जेब भरने में जुटा है परिवहन विभाग
दरअसल अवैध रूप से चल रही बसों से परिवहन विभाग खुद वसूली करता है। ऐसे में जब अपनी जेब भर रही हो तो सरकारी राजस्व की चिंता आधिकारियों को नहीं रहती। सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई सिर्फ उन्हीं बसों पर की जाती है जो परिवहन विभाग को हफ्ता या महीना नहीं पहुंचाते। यही कारण है कि हर रूट पर दर्जनों अवैध बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।

यह बोले जिम्मेदारहरदोई डिपो के एआरएम आर बी यादव ने कहा कि अवैध बसों के चलते रोडवेज को तीस से चालीस लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। इन अवैध बसों पर कार्रवाई के लिए बीती डेढ़ वर्ष में उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन/प्रवर्तन को कई बार लिखित रूप से कार्रवाई के लिए लिखा गया लेकिन अभी तक ना तो आसपास के प्राइवेट बस अड्डों को हटाया गया और ना ही अवैध रूप से चल रहीं बसों पर प्रभावी कार्रवाई की गई।

यात्री कर अधिकारी एसपी देव ने कहा कि जो बसें निर्धारित मार्ग परमिट के अलावा दूसरे मार्गों पर चल रहीं हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है, रूटीन चेकिंग में जुलाई माह में ऐसे पांच बसों को पकड़ा गया और उनसे 2 लाख का जुर्माना वसूला गया। साथ ही वाहन जहां से भी पंजीकृत हैं वहां के आरटीओ को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

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