मिताली ने स्टार स्पोर्ट्स के एक तेलुगू कार्यक्रम में कहा, ‘2013 में जब भारत में वर्ल्ड कप हुआ था, हम सुपर-6 में भी नहीं पहुंचे थे। मुझे बहुत दुख हुआ था। तब सोचा कि 2017 वर्ल्ड कप में कोशिश करेंगे। फिर मैंने विश्व कप के लिए बहुत मेहनत की। बतौर खिलाड़ी, कप्तान काफी होमवर्क किया। जब हम फाइनल में पहुंचे तो मैने सोचा कि फाइनल जीतकर मैं संन्यास ले लूंगी।’
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उन्होंने कहा ,‘इतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया, सिवाय वर्ल्ड कप ट्रोफी के। अगले साल यानी 2021 में मैं फिर कोशिश करूंगी। उम्मीद है कि सभी की शुभकामनाओं से इस बार हम जीत पाएंगे।’
37 साल की मिताली ने पिछले साल टी20 क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनका मानना है कि बीसीसीआई को पांच साल पहले महिला क्रिकेट को अपनी छत्रछाया में ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को 2006-07 में अपने अधीन कर लिया। यह पांच साल पहले हुआ होता तो और बेहतर रहता। उस समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे लेकिन पैसे के अभाव और खेल के मार्फत आर्थिक स्थिरता नहीं मिलने से उन्होंने दूसरा पेशा चुना।’