राष्ट्रपति से ईदी ले घर पहुंचे रियाज, ऐसे स्वागत

राष्ट्रपति से ईदी ले घर पहुंचे रियाज, ऐसे स्वागत

गाजियाबाद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिसे खुद ईदी में साइकिल गिफ्ट की उस रियाज का घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ है। 9वीं क्लास के रियाज एथलीट हैं लेकिन पैसों की तंगी के चलते बर्तन धोने तक को मजबूर हो गए थे। फिर गाजियाबाद जिला प्रशासन की मदद से रियाज राष्ट्रपति भवन पहुंचे जहां उनकी राष्ट्रपति से मुलाकात हुई और रियाज को भेंट में साइकिल मिली।

रियाज गाजियाबाद के महाराजपुर इलाके में रहते हैं। आज ईद के मौके पर ट्रांस हिंडन निवासी उनके घर पहुंचे। उन्हें ईदी के तौर पर 1100 रुपये और नए कपड़े मिले। इतना ही नहीं, कई लोग मिठाइयां लेकर पहुंचे थे। रियाज ने कहा कभी सोचा नहीं था कि ईद इतनी खुशियां देगी।

ईदी में मिली थी रियाज को साइकल
रियाज अभी शुक्रवार को ही देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे थे। राष्ट्रपति ने रियाज की प्रतिभा को पहचाना और उसे ईद के त्यौहार से एक दिन पहले बतौर ईदी उसकी सबसे अहम ख्वाहिश साईकिल की जरूरत को पूरा किया।

रियाज आनंद विहार के माध्यमिक शिक्षा स्कूल में नौवीं कक्षा के छात्र हैं। उन्हें शुरू से ही साइकिलिंग करने का बहुत शौक था। साइकिलिंग की वजह से उन्होंने कई बार गोल्ड मेडल भी अलग-अलग प्रतियोगिताओ में जीता है। स्कूल में उनके स्पोर्ट्स टीचर ने इसी हुनर को देखते हुए उन्हें काफी प्रमोट किया। उसी का नतीजा है कि रियाज को वह मिला है जिसका वह हकदार था। उसके हुनर की पहचान राष्ट्रपति भवन ने की, जिसके बाद गाजियाबाद का जिला प्रशासन रियाज को लेकर राष्ट्रपति भवन गया, जहां उनकी राष्ट्रपति से मुलाकात हुई और रियाज को भेंट में साइकिल मिली।

परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते दूसरा काम सीखने की दी थी सलाह
रियाज़ ने बताया कि उनके पिता पेशे से एक कुक हैं और वह उनका भी हाथ बंटाता था। उन्हें ढाबे पर बर्तन तक भी साफ करने पड़ते थे। रियाज के परिवार में 4 भाई-बहन हैं और माता-पिता को मिलाकर कुल 6 सदस्य हैं। उनका परिवार मूलरूप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है। घर में कमाने वाले अकेले रियाज के पिता हैं। लिहाजा परिवार की हालत को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें काम सीखने की सलाह देते हुए कहीं नौकरी करने को कहा था। रियाज पढ़ाई के बाद खाली समय में गाजियाबाद के एक खाने-पीने की दुकान पर बर्तन धोने का काम करते हैं। रियाज को साइकिलिंग का शौक तो था, लेकिन उनके पास साइकिल नहीं थी, वह साइकिल मांगकर चलाते थे तब उनके मन में खुद की रेसिंग साइकिल होने का ख्याल आता था जो पूरा हो गया है।

रियाज जीत चुके हैं कई गोल्ड मेडल
रियाज़ का जूनून साइकिलिंग करना है। वह रोज की पढ़ाई और काम खत्म करने के बाद जमकर प्रैक्टिस करते हैं। 2017 में उन्होंने दिल्ली स्टेट साइकिलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था। खुद रियाज़ ने बताया कि इसके अलावा गुवाहाटी में स्कूल गेम्स इवेंट में हिस्सा लेने भी गए थे। जहां उन्हें नेशनल लेवल पर चौथा स्थान मिला था। अब उनका सपना है कि वह देश के लिए ओलिंपिक में साइकिलिंग में गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन करें।

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