नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व बेड में से केवल 18 फीसदी का ही इस्तेमाल हो रहा है। ये आंकड़ा बुधवार का है, जिसके अनुसार अब अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित केवल 2958 मरीज ही भर्ती हैं। जबकि बेड्स की संख्या 16,038 है। इसके अलावा वेंटिलेटर वाले बेड जिनकी बीते महीने काफी ज्यादा मांग थी, उनमें भी कई खाली हैं। दिल्ली कोरोना एप पर अस्पतालों द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि वेंटिलेटर सपोर्ट वाले 1207 बेड में से 396 (33 फीसदी) पर ही मरीजों का इलाज हो रहा है और बाकी के 811 (67 फीसदी) खाली हैं।
इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने होटलों में दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को रद्द करने का फैसला लिया है। हालांकि निजी अस्पतालों में कोविड-19 बेड की संख्या कम करने पर फैसला अभी नहीं लिया गया है। दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 1035 नए मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मामलों की संख्या 1.3 लाख हो गई है। इनमें से 8 फीसदी यानि 10,770 मामले सक्रिय हैं। केंद्र शासित प्रदेश में इस वायरस से अब तक 3907 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या 1.2 लाख से अधिक है।
इससे पहले सोमवार को केवल 613 नए मामले सामने आए थे, जो बीते दो महीने में सबसे कम है। जबकि मंगलवार को 1056 नए मामले सामने आए। पहचान ना बताने की शर्त पर पूर्वी दिल्ली में 60 बेड वाले अस्पताल के मालिक ने कहा, ‘छोटे अस्पतालों को सबसे ज्यादा परेशानी देखनी पड़ रही है क्योंकि उन्हें कोई कोविड मरीज नहीं मिल रहे और जिन मरीजों को कोरोना वायरस नहीं है, वो भी वायरस के डर से यहां इलाज कराने नहीं आ रहे।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है ये अच्छी खबर है, लेकिन अब सरकार को इसपर भी काम करना चाहिए कि जो बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व कराए गए थे उन्हें कैसे अन्य बीमारी वाले मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जाए।