'कोरोना वैक्सीन का ट्रायल प्रोटोकॉल संशोधित हो'

'कोरोना वैक्सीन का ट्रायल प्रोटोकॉल संशोधित हो'

नई दिल्ली
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विशेष समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से उस आवेदन पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उसने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए अनुमति मांगी है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति की मंगलवार को एसआईआई के आवेदन पर चर्चा के लिए बैठक हुई। इसमें पुणे की कंपनी से कहा गया कि वह दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए तैयार प्रोटोकॉल की समीक्षा करे और इसके साथ ही कुछ अतिरिक्त जानकारी भी मांगी गई। उन्होंने बताया कि बुधवार शाम को टेस्टिंग के लिए एसआईआई ने संशोधित प्रोटोकॉल डीजीसीआई के समक्ष जमा कराई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘कंपनी से मंगलवार को प्रोटोकॉल में उल्लेखित दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण को परिभाषित करने को कहा गया और मूल्यांकन के लिए दोबारा आवदेन एसईसी में जमा कराने को कहा गया।’ सूत्रों ने बताया कि समिति ने चिकित्सकीय परीक्षण के स्थानों का वितरण पूरे देश में करने की अनुसंशा की। सूत्रों ने बताया, ‘उन्होंने परीक्षण के दौरान प्रस्तावित पंजीकृत 1,600 प्रतिभागियों को लेकर भी स्पष्टीकरण नहीं दिया। एसआईआई में सरकारी मामलों के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा, ‘हमने एसईईसी की आगे कार्रवाई के लिए आज शाम संशोधित प्रोटोकॉल डीजीसीआई कार्यालय में जमा कराया है।’

सबसे पहले मार्केट में आ सकती है ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई इस का नाम ChAdOx1 nCoV-19 है। यह अभी तक अपने सभी परीक्षणों में अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरी है। साथ ही ह्यूमन ट्रायल के दौरान इसका किसी भी तरह का बुरा असर शरीर पर देखने को नहीं मिला है। अभी तक दुनिया की जितनी भी कोरोना वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल तक पहुंची हैं, उनमें इस वैक्सीन के सबसे पहले मार्केट में आने के कयास लगाए जा रहे हैं।

(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट्स के साथ)

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