लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने शुक्रवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दो रिश्वतखोरों को रंगे हाथ पकड़ा। पहले मामले में पटवारी जमीन की पावती बनाने के एवज में रिश्वत मांग रहा था तो दूसरे मामले में पंचायत सचिव कूप खनन के लिए अनुदान राशि संबंधी कार्य के लिए रिश्वत मांग रहा था। को लंबा पीपलिया एवं पंचायत सचिव को विजयगंज मंडी चौराहे के नजदीक से पकड़ा गया।
शुक्रवार सुबह लोकायुक्त निरीक्षक राजेंद्र वर्मा के नेतृत्व में पटवारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। वर्मा के मुताबिक लंबा पीपलिया निवासी किसान भूपेंद्र चौधरी ने नई पावती के लिए हल्का नंबर 22 के पटवारी दुष्यंत वर्मा से संपर्क किया था। दुष्यंत वर्मा ने काम के बदले उससे 5000 रुपए की मांग की। किसान ने अपनी गरीबी की दुहाई दी, लेकिन भ्रष्ट पटवारी का दिल नहीं पसीजा। कोई उपाय न देख किसान 5000 रुपए देने के लिए तैयार हो गया। इधर, उसने लोकायुक्त एसपी को शिकायत कर दी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दुष्यंत वर्मा को रंगे हाथ पकड़ा गया।
पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की चर्चा जोरों पर थी कि इसी बीच शुक्रवार शाम को लोकायुक्त की दूसरी टीम ने एक पंचायत सचिव को 8000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा। गिरफ्तार किए गए पंचायत सचिव का नाम राधेश्याम है। उसने अनुदान राशि जमा कराने के बदले किसान से रिश्वत मांगी थी।
मामला तराना तहसील की खारपा ग्राम पंचायत के शिवपुरा गांव का है। यहां रहने वाले किसान नागू सिंह ने अपने खेत में कपिलधारा योजना के अंतर्गत नलकूप खनन कराया था। इसी की अनुदान राशि जमा कराने के लिए वह बार-बार से कह रहा था। पंचायत सचिव लगातार टालमटोल कर रहा था और रिश्वत की मांग कर रहा था। इस पर नागू सिंह ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत कर दी। शिकायत सही पाए जाने पर डीएसपी वेदांत शर्मा की अगुवाई में निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव और टीम ने ट्रैप का प्लान बनाया। पंचायत सचिव को विजयगंज मंडी चौराहे के नजदीक 8000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।